iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा चीनी उत्पादन की स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एथनॉल के निर्यात में गन्ना जूस एवं शुगर सीरप के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध से चीनी उद्योग नाखुश है।
उसका कहना है कि एथनॉल निर्माण के लिए करोड़ो रुपए खर्च करके नए-नए प्लांट लगाए गए हैं और यदि उसमें उत्पादन नहीं हुआ या वहां कुल संचित क्षमता के काफी कम भाग का इस्तेमाल हुआ तो मिलर्स को भारी घाटा होगा।
या तो सरकार गन्ना जूस के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान करे या एथनॉल के दाम में इतनी बढ़ोत्तरी कर दे जिससे डिस्टीलरीज को कम से कम नुकसान हो। सरकार भी इसके पक्ष में दिख रही है।
उसने स्पष्ट संकेत दिया है कि एथनॉल निर्माण में गन्ना जूस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के निर्णय को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन मिलों। डिस्टीलरीज के लिए एक सांत्वना फार्मूला तैयार किया जा सकता है और इसमें पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की राय भी की जाएगी।
सरकार पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल उत्पादन बढ़ाने पर जोर देती रही है लेकिन इस बार हालात अच्छे नहीं है। चीनी का भाव पहले से ही काफी ऊंचे स्तर पर है जबकि चालू सीजन में इसका उत्पादन भी घटने की संभावना है। सरकार चीनी का उत्पादन बेहतर रखने को प्राथमिकता दे रही है।