iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने दावा किया है कि तमाम नीतिगत निर्णयों एवं प्रयासों के परिणामस्वरूप अनेक खाद्य उत्पादों के दाम में नरमी आई है। सरसों तेल एवं मसूर का भाव घटकर गत वर्ष से नीचे आ गया है जबकि सोयाबीन तेल, आलू, वनस्पति (घी), सूरजमुखी तेल तथा पाम तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान 12 दिसम्बर तक अखिल भारतीय स्तर पर औसत खुदरा मूल्य सरसों तेल का 18.32 प्रतिशत एवं मसूर का 13 प्रतिशत घट गया। इसी तरह सोया तेल, सूरजमुखी तेल, वनस्पति (घी), पाम तेल एवं आलू का दाम भी घटकर गत वर्ष से नीचे आ गया है।
खाद्य राज्य मंत्री का कहना था कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों एवं उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा नियमित आधार पर की जा रही है और आम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं।
उपभोक्ता मामले विभाग 22 आवश्यक वस्तुओं के दैनिक खुदरा एवं थोक बाजार मूल्य की निगरानी करता है जिसमें प्याज, टमाटर एवं आलू जैसी सब्जियां भी शामिल हैं। समूचे देश में 550 मृल्य निगरानी केन्द्रों से कीमतों का आंकड़ा संग्रहित किया जाता है।
वर्ष 2014 में इन केन्द्रों की संख्या केवल 64 थी जो अब बढ़कर 550 पर पहुंच गई है। खाद्य मंत्री के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहता है जिसके लिए अनेक कारक जिम्मेवार होते हैं। सरकार अपनी ओर से कीमतों को स्थिर रखने का हर संभव प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि चावल, गेहूं एवं कुछ दलहनों के साथ-साथ चीनी का बाजार भाव भी ऊंचा चल रहा है जिसे नीचे लाने के लिए हाल के महीनों में अनेक नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। इसी तरह प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीनी का उत्पादन बेहतर स्थिति में रखने की कोशिश की जा रही है।