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क्रशिंग प्रक्रिया देर से शुरू होने के कारण चीनी के उत्पादन में 11 प्रतिशत की गिरावट

प्रकाशित 19/12/2023, 10:38 pm
क्रशिंग प्रक्रिया देर से शुरू होने के कारण चीनी के उत्पादन में 11 प्रतिशत की गिरावट

iGrain India - नई दिल्ली । गन्ना की क्रशिंग इस बार देर से आरंभ होने तथा महाराष्ट्र में रिकवरी दर कमजोर रहने से 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 15 दिसम्बर 2023 तक चीनी का कुल घरेलू उत्पादन घटकर 74.05 लाख टन पर अटक गया जो 2022-23 सीजन की समानअवधि के उत्पादन 82.95 लाख टन से 8.90 लाख टन या 11 प्रतिशत कम रहा।

शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में सूखे की वजह से गन्ना की फसल को काफी नुकसान होने से चीनी का उत्पादन घट रहा है जबकि उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ रहा है। 

इस्मा की रिपोर्ट के अनुसार यद्यपि क्रियाशील चीनी मिलों की संख्या में कमी नहीं आई एयर यह पिछले सीजन के 497 पर ही स्थिर रही लेकिन गन्ना की आपूर्ति एवं चीनी की रिकवरी दर घटने से चीनी के कुल उत्पादन में गिरावट आ गई।

उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में अप्रैल-मई तक गन्ना की क्रशिंग जारी रहने की उम्मीद है मगर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में इससे काफी पहले ही क्रशिंग की प्रक्रिया समाप्त हो सकती है। पिछले साल की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में गन्ना की पेराई 10-15 दिन देर से शुरू हुई। 

समीक्षाधीन अवधि के दौरान चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश में 20.26 लाख टन से बढ़कर 22-22 लाख टन पर पहुंचा लेकिन महाराष्ट्र में 33.02 लाख टन से लुढ़ककर 24.45 लाख टन तथा कर्नाटक में 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन पर अटक गया।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक देश के तीन शीर्ष चीनी उत्पादक रही हैं और चीनी के कुल राष्ट्रीय उत्पादन में इसकी संयुक्त भागीदारी 80 प्रतिशत से भी ज्यादा रहती है। चीनी के अन्य उत्पादक राज्यों में गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान एवं उड़ीसा शामिल है। 

इस्मा ने एथनॉल के लिए डायवर्जन से पूर्व इस बार चीनी का कुल उत्पादन 325 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। समझा जाता है कि सरकार ने एथनॉल निर्माण में 17 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का उपयोग करने की अनुमति चीनी उद्योग को देने का निश्चय किया है। इसके आधार पर शुद्ध चीनी का उत्पादन अनुमान 308 लाख टन बैठता है।

उधर सरकारी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन-नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज ने केवल 291.50 लाख टन चीनी के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है।

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