iGrain India - मोगादिशु । अज्ञात अपहरणकर्ताओं द्वारा जिस व्यापारिक जहाज को अगवा किया गया था वह अभी अफ्रीकी देश- सोमालिया के तट पर मौजूद है। इससे वैश्विक शिपिंग मार्ग में अनिश्चित एवं अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। जानकार सूत्रों के अनुसार लाल सागर क्षेत्र में जहाजों पर आक्रमण और शिपर्स में खौफ बढ़ता जा रहा है।
ज्ञात हो कि स्वेज नहर एवं काला सागर क्षेत्र में भी शिपिंग कठिन होता जा रहा है जिससे भारत सहित कई अन्य देशों को अपने उत्पादों का निर्यात करने में कठिनाई बढ़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि माल्टा का झंडा लगे एक व्यापारिक जहाज का अपरहण कर लिया गया था लेकिन स्पेन के एक नौसेना जहाज ने पूरी रफ्तार के साथ इसका पीछा किया तब उसे सोमालिया तट की ओर मोड़ दिया गया।
17 दिसंबर को पुंटलैंड, सोमालिया में बांदेर मारकायो से करीब 9 मील दूर समुद्र तट पर यह व्यापारिक जहाज पहुंचा था। ध्यान देने की बात है कि सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने वर्ष 2017 में एक मर्चेंट खेपल (व्यापारिक जहाज) का अपहरण किया था जिसके बाद वहां गश्त बढ़ा दी गई। वर्ष 2017 के बाद से यह पहली बार है जबकि वेसल का अपरहण हुआ।
यूरोपीय संघ के नौसेना अधिकारियों का कहना है कि लाल सागर क्षेत्र में इस तरह की घटना अब भी जारी है ऐसा लगता है कि सोमालिया के कुछ स्थानीय अधिकारी इन अपरहण कर्ताओं को सहयोग- संरक्षण दे रहे हैं।
सोमालिया सरकार के साथ मिल कर इस दिशा में काम किया जा रहा है ताकि इस तरह की घटनाओं पर स्थायी विराम लग सके। अपहृत जहाज 18 दिसम्बर तक सोमालिया के तट पर खड़ा था।
जानकारों को संदेह है कि सोमालिया में समुद्री लुटेरों का अन्य समूह क्रियाशील हो गया है जिससे आने वाले समय में खतरा बढ़ सकता है। इस समुद्री मार्ग को वैश्विक कारोबार के लिए काफी व्यस्त माना जाता है और भारत के लिए भी इस तरह की घटना चिंता का विषय है।