iGrain India - नई दिल्ली । मोटे अनुमान के अनुसार चालू वर्ष के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा किसानों एवं आयातकों से करीब 5 लाख टन मसूर की खरीद की गई जबकि उसके पास करीब 1.50 लाख टन का स्टॉक पहले से मौजूदा था।
इस तहत उसके पास लगभग 6.50 लाख टन मसूर का स्टॉक उपलब्ध है और वह बाजार में इसकी आपूर्ति एवं कीमत के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
वैसे भी थोक बाजार में मसूर का दाम गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास आ गया है। पिछले साल सरकार द्वारा किसानों से करीब 1.50 लाख टन मसूर की खरीद की गई थी। यदि 2023-24 के सीजन में भाव नरम रहा तो मसूर की सरकारी खरीद में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
आईग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान के अनुसार आमतौर पर मसूर की बिजाई और फसल की स्थिति अच्छी है मौजूदा आधार पर इसका उत्पादन 14 लाख टन से अधिक होने की उम्मीद की जा सकती है। विदेशों से विशाल मात्रा में मसूर का आयात होने और पिछला उत्पादन बेहतर रहने से बाजार में सीमित उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) के चेयरमैन बिमल कोठारी के अनुसार चालू वर्ष के दौरान मसूर का आयात 10 टन की सीमा को पार कर जाने की संभावना है। देश में औसत 2 लाख टन मसूर की मासिक खपत होती है। इसकी आपूर्ति की स्थिति सुगम बनी हुई है।