iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख दलहन-चना की बिजाई में गिरावट का सिलसिला जारी है। राष्ट्रीय स्तर पर 22 दिसम्बर 2023 तक चना का उत्पादन क्षेत्र 94.02 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 103.35 लाख हेक्टेयर से 9.33 लाख हेक्टेयर या करीब 10 प्रतिशत कम है।
आमतौर पर फसल की हालत सामान्य आंकी जा रही है लेकिन कुछ इलाकों में मिटटी में नमी का अभाव होने से फसल के विकास में बाधा पड़ने की सूचना मिल रही है। देश में चना के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश आदि शामिल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान चना का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 20.81 लाख हेक्टेयर से उछलकर 22.86 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 6.19 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.79 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जबकि दूसरी ओर इसका बिजाई क्षेत्र महाराष्ट्र में 24.76 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 21.02 लाख हेक्टेयर,
राजस्थान में 21.41 लाख हेक्टेयर से घटकर 19.08 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 11.84 लाख हेक्टेयर से गिरकर 9.37 लाख हेक्टेयर तथा गुजरात में 7.31 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 5.64 लाख हेक्टेयर पर अटक गया है।
इसके अलावा चना का क्षेत्रफल छत्तीसगढ़ में 3.01 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.77 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.20 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 95 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 6.82 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.54 लाख हेक्टेयर रह गया है। चना की छिटपुट बिजाई अभी जारी है।
उद्योग-व्यापार समीक्षकों का कहना है कि बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने, कुछ इलाकों में मौसम अनुकूल नहीं होने तथा आगामी महीनों में अल नीनो के प्रकोप की आशंका रहने से चालू रबी सीजन के दौरान चना के घरेलू उत्पादन में 10-15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है जिससे इसका बाजार भाव अगले वर्ष की दूसरी छमाही में ऊंचा और तेज हो सकता है।
विदेशों से इसके भारी आयात की आवश्यकता पड़ सकती है क्योंकि देश में इसकी विशाल खपत होती है।