iGrain India - अहमदाबाद । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान घरेलू प्रभाग में कपास (रूई) की कुल उपलब्धता 345 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया है जिसमें 294.10 लाख गांठ का उत्पादन भी शामिल है। एसोसिएशन के अनुसार इसमें से 311 लाख गांठ कपास की खपत होगी।
मालूम हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। गुजरात में कपास का उत्पादन करीब 9 लाख गांठ घटने की संभावना व्यक्त की गई है।
एसोसिएशन के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर-नवम्बर के दौरान कपास की कुल उपलब्धता 92.03 लाख गांठ की रही जिसके तहत 60.15 लाख गांठ का उत्पादन, 3 लाख गांठ का आयात एवं 28.82 लाख गांठ का पिछला बकाया स्टॉक शामिल था।
नवम्बर 2023 के अंत तक 53 लाख गांठ कपास का उपयोग तथा 3 लाख गांठ का निर्यात किया गया। एसोसिएशन के अनुसार 2023-24 के पूरे मार्केटिंग सीजन के दौरान 311 लाख गांठ रूई की खपत होने की उम्मीद है।
गुजरात देश में कपास का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। वहां पिछले सीजन में करीब 94 लाख गांठ कपास की आपूर्ति हुई थी जो चालू सीजन में 9 लाख गांठ घटकर 85 लाख गांठ पर सिमट जाने की संभावना है।
कपास का भाव पिछले साल के मुकाबले घटकर काफी नीचे आ गया है इसलिए मंडियों में इसकी जोरदार आपूर्ति नहीं हो रही है। अगस्त एवं अक्टूबर के शुष्क तथा गर्म मौसम से गुजरात, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में फसल को नुकसान हुआ।
उत्तरी क्षेत्र में पंजाब तथा हरियाणा में कीड़ों-रोगों के प्रकोप से कपास की फसल को क्षति पहुंची। इसके फलस्वरूप घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन से भी कम होने की संभावना है।