iGrain India - खम्माम । तेलंगाना रायतु संगम ने केन्द्र सरकार पर कपास उत्पादकों के साथ धोखेबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यद्यपि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है लेकिन सीसीआई के क्रय केन्द्रों पर किसानों को 100 रुपए कम मूल्य का भुगतान किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार को जब कपास उत्पादकों को सहयोग-समर्थन देना चाहिए तब वह उसका हक मार रही है। इस बार प्रतिकूल मौसम के कारण कपास की पैदावार घट गई है और मंडियों में कीमत भी गिरकर काफी नीचे आ गई है जिससे किसानों को भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के क्रय केन्द्रों पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है लेकिन वहां भी उसे वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।
तेलंगाना रायतु संगम के एक प्रतिनिधिमंडल ने खम्माम जिले में भारतीय कपास निगम के क्रय केन्द्रों तथा उत्पादकों के घरों में भंडारित कपास का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सरकार किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है।
संगम के जिलाध्यक्ष का कहना था कि वर्ष 2021 के सीजन में कपास का दाम उछलकर 13,000 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था।
लेकिन खम्माम जिले में सीसीआई के बैनर पर लिखा है कि वर्ष 2022 की भांति 2023 में भी कपास की खरीद 7000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे के मूल्य पर की जाएगी।
जिलाध्यक्ष का कहना है कि निगम ने अपने क्रय केन्द्रों पर इस तरह का बैनर लगा रखा है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार भारतीय कपड़ा उद्योग को विदेशी रूई के आयात पर निर्भर बनाना चाहती है और स्वदेशी कपास उत्पादकों को हतोत्साहित कर रही है। सीसीआई को समर्थन मूल्य पर किसानों से रूई खरीदना चाहिए।