iGrain India - नई दिल्ली । भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात में हाल के वर्षों में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है और इसका सिलसिला आगे भी जारी रहने की संभावना है। लेकिन भारत कुछ खास कृषि उत्पादों के निर्यात पर ज्यादा निर्भर रहता है जिसमें बासमती चावल, गैर बासमती (सामान्य) चावल, चीनी, मसाले एवं ऑयल मील विशेष रूप से शामिल हैं। देश के कुल कृषि निर्यात में उपरोक्त पांच उत्पाद (संवर्ग) की भागीदारी 51.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में चावल एवं मसालों का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है। 2021-22 में वह चीनी के निर्यात में थाईलैंड को पीछे छोड़कर ब्राजील के बाद दूसरे नम्बर पर पहुंच गया था।
जहां तक ऑयल मील का सवाल है तो इसके निर्यात में अर्जेन्टीना, ब्राजील तथा अमरीका भारत से आगे रहता है। भारत से बासमती चावल एवं सामान्य चावल का निर्यात अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा होता है।
हालांकि अभी टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) तथा गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध तथा सेला चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा हुआ है लेकिन इसके बावजूद भारत संसार में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश बना रहेगा।
उल्लेखनीय है कि 2021-22 के दौरान भारत से गेहूं का भी शानदार निर्यात हुआ था लेकिन मई 2022 में सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया जो अब भी जारी है।
चीनी का निर्यात भी जून 2023 से ठप्प हो गया है। उससे पूर्व नवम्बर 2022 से मई 2023 के दौरान 60 लाख टन से कुछ अधिक चीनी का निर्यात हुआ था। घरेलू उत्पादन में गिरावट की संभावना को देखते हुए अगले कुछ महीनों तक चीनी का निर्यात दोबारा शुरू होने के आसार नहीं हैं। फिलहाल देश में चीनी के निर्माण का सीजन चल रहा है।
मसालों के उत्पादन एवं निर्यात में भारत बेताज बादशाह बना हुआ है। हालांकि खास-खास मसालों के तहत इसे कुछ देशों की चुनौतियां का सामना करना पड़ता है लेकिन समग्र रूप से यह सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश बना हुआ है।