iGrain India - हो ची मिन्ह सिटी। भारत और थाईलैंड के बाद दुनिया के तीसरे सबसे प्रमुख चावल निर्यातक देश-वियतनाम में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का निर्यात ऑफर मूल्य तेजी से उछलकर गत 15 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। एशियाई देशों में चावल का सबसे ऊंचा दाम वियतनाम में ही देखा जा रहा है। इसका कारण एक तो वहां हाजिर स्टॉक कम रहना और दूसरे चीन, फिलिपीन्स तथा इंडोनेशिया जैसे देशों की मांग मजबूत होना बताया जा रहा है। भारत से कच्चे
(सफ़ेद) चावल का निर्यात बंद है और थाईलैंड में धान की पैदावार 6-7 प्रतिशत घटने की सम्भावना है।
खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार वियतनामी चावल का दाम उछलकर वर्ष 2008 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है जिससे उन निर्यातकों की कठिनाई बढ़ गयी है जिसने पहले कुछ नीचे दाम पर अनुबंध किया था। वहां चावल की आपूर्ति की स्थिति भी जटिल हो गयी है। इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने 2023-24 के सीजन में चावल का वैश्विक कारोबार (आयात-निर्यात) 500 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। ऊंचे बाजार भाव के कारण एशिया तथा अफ्रीका के देशों में चावल के आयात की मांग कुछ कमजोर रह सकती है। उधर अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने चावल की वैश्विक आपूर्ति में कुछ वृद्धि होने तथा इसका बकाया स्टॉक कुछ बढ़ने का अनुमान लगाया है जबकि इसके वैश्विक व्यापार एवं उपयोग में कमी आने की संभावना व्यक्त की है। उस्डा के अनुसार चावल की कुल वैश्विक आपूर्ति 69.28 करोड़ टन पर पहुंच सकती है क्योंकि थाईलैंड में इसका उत्पादन पूर्व अनुमान से बेहतर होने के आसार हैं।
कृषि उत्पाद निर्यातक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि श्रीलंका से पोन्नी सेला चावल की मांग बढ़ सकती है जिसका भाव 625-650 डॉलर प्रति टन के बीच चल रहा है। पोन्नी सेला चावल में टुकड़ी का अंश बहुत कम आ रहा है जबकि अफ्रीकी देशों को सस्ते दाम वाले टुकड़ी चावल की अधिक आवश्यकता है।