iGrain India - नई दिल्ली। आधिकारिक आकड़ों से पता चलता है कि चालू रबी सीजन के दौरान 22 दिसंबर तक राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र 308.60 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल भी समानअवधि के बिजाई क्षेत्र 314.40 लाख हेक्टेयर से कम है। गेहूं की बिजाई कुछ क्षेत्रों में अभी जारी है जिसे देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि इसका कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के स्तर के आसपास पहुंच जाएगा। केंद्रीय कृषि आयुक्त के अनुसार अच्छी बात यह है कि चालू वर्ष के दौरान गेहूं के कुल उत्पादन क्षेत्र के 60 प्रतिशत से अधिक भाग में ऐसा उन्नत किस्मों की खेतीं हुई है जो प्रतिकूल मौसम और खासकर उच्च तापमान (गर्मी) को ज्यादा से ज्यादा समय तक सहन करने में सक्षम है। पिछले साल 45 प्रतिशत क्षेत्र में इन किम्सों के गेहूं की खेती हुई थी।
दरअसल इस बार जनवरी-मार्च के दौरान अलनीनो मौसम चक्र का प्रकोप एवं प्रभाव रहने की आशंका है जिससे देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में वर्षा कम या नगण्य हो सकती है और तापमान ऊंचा रह सकता है। इससे फसल पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इसको ध्यान में रखकर चालू रबी सीजन में सरकार के राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के 60 प्रतिशत उताप्दन क्षेत्र में जलवायु अनुकूल किस्मों की खेती का लक्ष्य नियत किया था जो हासिल हो चुका है। इसके फलस्वरूप गेहूं की फसल को खराब मौसम से कम नुकसान होगा और इसके बेहतर उत्पादन की उम्मीद बनी रहेगी। पिछले सीजन में प्रतिकूल मौसम के कारण फसल को काफी क्षति हुई थी। गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक मार्च के दूसरे पखवाड़े में शुरू होती है और अप्रैल में जोर पकडती है।