iGrain India - हैदराबाद। आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिल स्थिति एवं आयातक देशों की मजबूत मांग के कारण पिछले एक माह के दौरान चावल का वैश्विक बाजार भाव 7-8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ पुनः गत 15 वर्षों के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। समीक्षकों के अनुसार आपूर्ति के सीजन का अंतिम समय होने से भी बाजार तेज हो रहा है। हालांकि भारत में चावल की उपलब्धता की स्थिति अच्छी है लेकिन फिर भी दाम मजबूत बना हुआ है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार वैश्विक बाजार में हाजिर में चावल की आपूर्ति कम हो रही है जबकि मांग काफी मजबूत बनी हुई है। भारत से टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) तथा गैर बासमती सफ़ेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है। इसके फलस्वरूप वैश्विक बाजार में कम से कम 160 लाख टन चावल की कम आपूरित होगी जो इसके कुल वैश्विक कारोबार का लगभग एक-तिहाई है। इस भारी-भरकम कमी को पूरा करने की क्षमता थाईलैंड, वियतनाम या किसी अन्य देश में नहीं है। विश्लेषक के अनुसार जब तक भारत से सफ़ेद चावल का व्यापारिक मोर्यत दोबारा आरम्भ नहीं होता तब तक वैश्विक बाजार भाव ऊंचे स्तर पर ही बरकरार रहेगा।
इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान चावल का भाव थाईलैंड में 39 प्रतिशत एवं वियतनाम में 44 प्रतिशत बढ़ गया। इसी तरह भारत में भी गैर बासमती सेला चावल के निर्यात मूल्य में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ जबकि सफ़ेद चावल के निर्यात पर 20 जुलाई से प्रतिबन्ध लगा हुआ है।
एक अग्रणी निर्यातक के अनुसार भारतीय गैर बासमती सेला चावल का फ्री ओं बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य 525 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि इस पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लागू है। भारतीय निर्यातकों को 25 प्रतिशत टूटा सेला चावल 29,000 रुपए प्रति टन तथा 5 प्रतिशत टूटा सेला चावल 31,000 रुप प्रति टन की दर से उपलब्ध हो रहा है। उधर थाईलैंड में 100 प्रतिशत छंटा हुआ (सोर्टेक्स) चावल (सेला) 650 डॉलर प्रति टन की शीर्ष ऊंचाई पर पहुंच गया है और 5 प्रतिशत टूटे सफ़ेद चावल का निर्यात ऊफ्फेर मूल्य भी 650 डॉलर प्रति टन ही चल रहा है। वियतनाम में इसका निर्यात ऑफर मूल्य उछलकर 663-667 डॉलर प्रति टन हो गया है जबकि पाकिस्तान में यह 593-597 डॉलर प्रति टन चल रहा है।