iGrain India - नई दिल्ली । प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन का वितरण किया जा रहा है। इसकी समयावधि 31 दिसम्बर 2023 के समाप्त होने वाली थी लेकिन उससे पूर्व ही सरकार ने इसे अगले पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी है जो 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होगी।
केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की वर्षांत समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने भारत आटा की बिक्री आरंभ की है जिसका उच्चतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 27.50 रुपए प्रति किलो नियत किया गया है।
समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे चरण के दौरान आईसीडीएस, पीएम- पोषण तथा टीपीडीएस के अंतर्गत राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 207.31 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का उठाव किया गया।
समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक देश में 99.8 प्रतिशत उचित मूल्य की दुकाने अब स्वचालित मोड में आ गई है जिसमें पारदर्शिता के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लांट ऑफ सेल (NS:SAIL) (ईपोस) उपकरण का उपयोग किया जा रहा है ताकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के लाभार्थियों की रियायती खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जा सके।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 में नवम्बर तक 28 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन पूरा हुआ जिससे 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न की डिलीवरी (निकासी) हुई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 1 से 7 के चरण के दौरान लगभग 1.118 लाख टन खाद्यान्न का आवंटन महज 28 महीनों के अंदर किया गया जिस पर कुल करीब 3.91 लाख करोड़ रुपए का वित्तीय खर्च हुआ।
केन्द्र सरकार देश के गरीब लोगों की आर्थिक कठिनाईयों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय स्तर पर एक समान राशन वितरण योजना लागू कर रही है। अंत्योदय अन्न योजना तथा पीएचएस योजना भी नियमित रूप से चालू है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है जबकि उससे पूर्व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत लाभाथियों को 3 रुपए प्रति किलो की दर से चावल,
2 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं एवं 1 रुपए प्रति किलो की दर से मोटा अनाज उपलब्ध करवाया जा रहा था। मुफ्त राशन वितरण योजना अगले पांच साल तक जारी रहेगी।