iGrain India - नई दिल्ली । एशियाई चीनी बाजार में वर्ष 2024 के दौरान उतार-चढ़ाव का माहौल रहने की संभावना है क्योंकि भारत तथा थाईलैंड में उत्पादन घटने से इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल रह सकती है।
चीनी का अन्तर्राष्ट्रीय बाजार भाव उछलकर नए-नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। इससे आयातक देशों की कठिनाई बढ़ेगी और उसे आयात के बारे में कई बार सोचना पड़ेगा।
न्यूयार्क एक्सचेंज में कच्ची चीनी (रॉ शुगर) का वायदा भाव अप्रैल में उछलकर गत 12 वर्षों के शीर्ष के स्तर पर पहुंचा था और तबसे नवम्बर तक यह 28 सेंट प्रति पौंड के उच्च स्तर के आसपास ही घूम रहा है।
मौसम की हालत में हो रहे बदलाव तथा सरकार की नीतियों में होने वाले परिवर्तन को देखते हुए लगता है कि वर्ष 2024 में चीनी का वैश्विक बाजार भाव ज्यादा नीचे नहीं आएगा और इसमें प्राय: तेजी-मजबूती का माहौल बना रहेगा।
भारत से अगले कई महीनों तक चीनी का निर्यात बंद रह सकता है। उधर थाईलैंड में भी अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
एक अग्रणी बाजार विश्लेषक ने थाईलैंड में 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 850 लाख टन गन्ना की क्रशिंग होने तथा 98 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।
इसके मुकाबले 2022-23 सीजन के दौरान थाईलैंड में 939 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हुई थी और 110.20 लाख टन चीनी का निर्माण हुआ था।
इस बार थाईलैंड में 10 दिसम्बर से गन्ना की क्रशिंग का समय नियत किया गया है। पिछले सीजन में 6 अप्रैल 2023 को क्रशिंग बंद हुई थी।
जहां तक भारत का सवाल है तो यहां एथनॉल निर्माण में गन्ना के उपयोग पर अनिश्चितता बनी हुई है और एथनॉल के खरीद मूल्य की घोषणा भी नहीं हुई है। उद्योग समीक्षकों का मानना है कि इसमें 3 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
भारत में मोटे तौर पर 327.50 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। यह देखना आवश्यक होगा कि इसमें से एथनॉल निर्माण में चीनी का कितना उपयोग होता है। ब्राजील में शीघ्र ही चीनी उत्पादन का सीजन समाप्त होने वाला है। अगला सीजन अप्रैल में शुरू होगा।