iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि यद्यपि घरेलू प्रभाग में बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार भारत ब्रांड नाम के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चावल की बिक्री शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है लेकिन अभी तक इस चावल का दाम निर्धारित नहीं किया गया है।
लेकिन इतना तो निश्चित है कि चना दाल तथा गेहूं आटा की भांति इस चावल का खुदरा मूल्य भी प्रचलित बाजार भाव से नीचे होगा।
हैरानी की बात है कि खाद्य मंत्रालय ने घरेलू प्रभाग में चावल के खुदरा मूल्य में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के जरिए अपने स्टॉक से चावल की बिक्री आरंभ की थी ताकि इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाई जा सके। लेकिन इस सरकारी चावल की खरीद में व्यापारियों द्वारा बहुत कम दिलचस्पी दिखाई जा रही है।
दूसरी ओर घरेलू बाजार में चावल का दाम काफी ऊंचा एवं मजबूत बना हुआ है। इसे देखते हुए सरकार भारत ब्रांड नाम से चावल बेचने की योजना बना रही है जिससे सफल, नैफेड, एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भंडार जैसी एजेंसियों के खुदरा आउटलेट एवं मोबाइल वैन के जरिए उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाएगा।
ओएमएसएस के तहत जो चावल उतारा जा रहा है उसका आरक्षित मूल्य 29 रुपए प्रति किलो निर्धारित है। पहले इस तरह का अनुमान लगाया गया था कि भारत ब्रांड नाम के तहत चावल का दाम 25 रुपए प्रति किलों नियत किया जा सकता है लेकिन खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि यही तक चावल के मूल्य निर्धारित पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चालू वर्ष के दौरान अब तक ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल बेचने में सफलता मिली है।
पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान चावल का भाव 13 प्रतिशत तेज हुआ है जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद कीमतों में नरमी के संकेत नहीं मिल रहे हैं।