iGrain India - जेपोर । धान की सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) के मुद्दे पर किसानों एवं मिलर्स के बीच गतिरोध उत्पन्न होने की सूचना मिलने के बाद उड़ीसा में कोरापुट के जिला प्रशासन ने खरीफ कालीन धान की खरीद प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के एक विशेष दल को जेपोर, बोरी गुम्मा तथा कोटपाड प्रखंडों की विभिन्न मंडियों में भेजा है।
जिला प्रशासन ने वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 21 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य नियत किया है जिसमें से अब तक केवल 82,400 क्विंटल की खरीद संभव हो सकी है।
मंडियों में धान की खरीद की गति काफी धीमी चल रही है क्योंकि मिलर्स द्वारा एक क्विंटल धान की खरीद पर 4 किलो अतिरिक्त धान देने की मांग की जा रही है।
मिलर्स का कहना है कि मंडियों में आने वाले धान की क्वालिटी अच्छी नहीं है। दूसरी ओर किसान 2 किलों तक अतिरिक्त धान देने को तैयार है। उसका कहना है कि धान की क्वालिटी काफी अच्छी है और मिलर्स को इसकी खरीद में कोई समस्या नहीं होगी।
पिछले दिन इसी विवाद के चलते जेपोर प्रखंड में हदिया पंचायत के एक स्वयं सहायता समूह को अपेक्षित मात्रा में किसानों से धान का स्टॉक खरीदने में सफलता नहीं मिल सकी।
उधर किसानों में शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने सम्पूर्ण मामले की जानकारी जुटाने तथा समस्या का निराकरण करने के लिए विभिन्न मंडियों में अधिकारियों की टीम को भेज दिया।
जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि प्रशासन इस गतिरोध को जल्दी से जल्दी दूर करने का हर संभव प्रयास कर रहा है ताकि अगले दो-तीन दिनों में सभी मंडियों में सामान्य कारोबार सुनिश्चित किया जा सके।
कुल 92 पंजीकृत मिलर्स में से करीब 85 मिलर्स मान्य नियमों के अनुरूप आगे कस्टम मिलिंग के लिए मंडियों से धान का उठाव करने के लिए सहमत हो गया हैं।