iGrain India - गुंटूर । दक्षिण भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों में लालमिर्च की नई फसल पकने लगी है ओर कर्नाटक की कुल मंडियों में उसके नए माल की छिटपुट आवक भी शुरू हो चुकी है।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि मकर संक्रांति यानी 14-15 जनवरी 2024 के बाद विभिन्न उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की आपूर्ति एवं उपलब्धता तेजी से बढ़ने लगेगी और इसके साथ ही खरीदारों की सक्रियता भी बढ़ जाएगी।
आमतौर पर इस बार लालमिर्च फसल की हालत काफी अच्छी बताई जा रही है और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसके बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी भी हुई है।
इसके अलावा पिछला बकाया स्टॉक काफी ऊंचा बताया जा रहा है। अकेले कर्नाटक के कोल्ड स्टोरेज में लगभग 30 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक मौजूद होने का अनुमान है। कर्नाटक में ब्यादगी लालमिर्च की आवक अभी कम हो रही है मगर एक-दो सप्ताह के बाद आपूर्ति बढ़ने लगेगी।
समीक्षकों का कहना है कि शानदार उत्पादन एवं विशाल बकाया स्टॉक को देखते हुए आगामी समय में लालमिर्च की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है लेकिन घरेलू एवं निर्यात मांग बेहतर रहने से कीमतों में लम्बे समय तक गिरावट का माहौल नहीं रहेगा।
इसके अलावा स्टॉकिस्ट तथा बड़े-बड़े उत्पादक नीचे दाम पर अपना माल बेचने के बजाए स्टॉक रोकने का प्रयास कर सकते हैं। नीचे दाम पर भारत से खासकर ब्यादगी लालमिर्च के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।