iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- राजस्थान में सरसों की बिजाई 2.06 लाख हेक्टेयर घट गई है लेकिन उत्तर प्रदेश में 4.29 लाख हेक्टेयर की शानदार बढ़ोत्तरी होने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर इसका क्षेत्रफल गत वर्ष से 1.65 लाख हेक्टेयर आगे हो गया है। मध्य प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात जैसे अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में सरसों के बिजाई क्षेत्र में सीमित वृद्धि-कमी आई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनता साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन के दौरान 29 दिसम्बर 2023 तक सरसों का कुल घरेलू उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 97.28 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 95.63 लाख हेक्टेयर से 1.65 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान सरसों का क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में 13.25 लाख हेक्टेयर से उछलकर 17.54 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 13.83 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 13.93 लाख हेक्टेयर तथा हरियाणा में 7.32 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 7.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दूसरी ओर इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल का रकबा राजस्थान में 39.72 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 37.66 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 3.04 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.67 लाख हेक्टेयर तथा पश्चिम बंगाल में 6.93 लाख हेक्टेयर से गिरकर 6.69 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी सरसों का रकबा गत वर्ष के 1.62 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 1.46 लाख हेक्टेयर रह गया मगर आसाम में यह 3.12 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.29 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
बिहार एवं झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में सरसों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 6.80 लाख हेक्टेयर से गिरकर चालू रबी सीजन में 6.64 लाख हेक्टेयर रह गया।
उत्तर प्रदेश में सरसों की फसल के लिए मौसम की हालत अनुकूल है। कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर 2023-24 के सीजन हेतु 131.40 लाख टन सरसों के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया जो 2022-23 सीजन के उत्पादन से करीब 5 लाख टन ज्यादा है।