iGrain India - नई दिल्ली। एक तरफ गेहूं की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है ओर खुले बाजार बिक्री योजना के तहत सरकार विशाल मात्रा में अपने स्टॉक को उतार रही है तो दूसरी ओर मंडियों में आवक की गति धीमी बनी हुई है। इसके फलस्वरूप कीमतों में उतार-चढ़ाव का माहौल देखा जा रहा है। 23 से 29 दिसम्बर वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में उत्तर प्रदेश / राजस्थान के गेहूं का भाव 50 रुपए सुधरकर 2500/2600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। उधर गुजरात में गेहूं का दाम गोंडल मंडी में तो 2450/3450 रुपए प्रति क्विंटल पर स्तिर रहा मगर राजकोट में 200 रुपए घटकर 2200/2600 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में गेहूं की कीमतों में आमतौर पर स्थिरता या 25-50 रुपए की मजबूती देखी गई मगर इंदौर की बेंचमार्क मंडी में इसका भाव 79 रुपए घटकर 2350/3243 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। गेहूं का दाम डबरा गेहूं में 25 रुपए सुधरकर 2500/2675 रुपए प्रति क्विंटल तथा इटारसी में 50 रुपए बढ़कर 2380/2600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा जबकि खंडवा में 2450/3100 रुपए प्रति क्विंटल, हरदा मंडी में 2650/3000 रुपए तथा भोपाल में 2400/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं का भाव 25-50 रुपए मजबूत रहा। वहां इसका दाम कोटा एवं बारां मंडी में 50 रुपए एवं 25 रुपए बढ़कर क्रमश: 2500/2750 रुपए प्रति क्विंटल एवं 2350/2525 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा मगर बूंदी मंडी में 2300/2550 रुपए प्रति क्विंटल के पिछले स्तर पर बरकरार रहा।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं की कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। वहां इसका भाव शाहजहांपुर मंडी में 20 रुपए बढ़कर 2461/2471 रुपए प्रति क्विंटल, गोंडा में 40 रुपए बढ़कर 2500/2540 रुपए प्रति क्विंटल तथा मैनपुरी में 5 रुपए सुधरकर 2306 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा मगर हरदोई में 10 रुपए गिरकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल तथा सीतापुर में 5 रुपए फिसलकर 2470 रुपए प्रति क्विंटल रह गया जबकि गोरखपुर मंडी में गेहूं का दाम 2525/2550 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर रहा। एटा मंडी में भी गेहूं का भाव 2450 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा मगर महाराष्ट्र की जालना मंडी में यह 50 रुपए बढ़कर 2400/3050 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
गेहूं की सरकारी बिक्री तेजी से बढ़ रही है। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अब तक 55 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा जा चुका है जिससे थोक मंडियों में सीमित आवक के बावजूद इसकी कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं देखा जा रहा है।