iGrain India - रंगून (भारती एग्री एप्प)। म्यांमार के वाणिज्य मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के आरम्भिक साढ़े आठ महीनों में यानी 1 अप्रैल से 15 दिसम्बर 2023 के दौरान देश से लगभग 11 लाख टन दलहनों एवं बीन्स का निर्यात हुआ जिससे 93.1955 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई।
26 दिसम्बर को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहनों के संवर्ग में सर्वाधिक निर्यात उड़द का हुआ और इसके शिपमेंट से 50.10 करोड़ डॉलर से कुछ अधिक की आमदनी हुई।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार धान- चावल के बाद दलहन म्यांमार का दूसरा सबसे प्रमुख कृषि उत्पाद है। धान के बाद सर्वाधिक क्षेत्रफल में दलहन फसलों की ही खेती होती है और म्यांमार के कुल कृषि उत्पादन में इसकी भागीदारी 30 प्रतिशत से अधिक रहती है।
म्यांमार से दलहनों एवं बीन्स का सर्वाधिक निर्यात भारत, चीन तथा यूरोपीय देशों को होता है जबकि कुछ अन्य देशों में भी इसका थोड़ा- बहुत निर्यात किया जाता है। भारत में म्यांमार से मुख्यत: उड़द एवं अरहर (तुवर) का आयात होता है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित देश- म्यांमार से वित्त वर्ष 2022-23 की पूरी अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान 1.47 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के 19,19,1.56 टन दलहनों एवं बीन्स का निर्यात हुआ। भारत में पहले मूंग का भी आयात होता था लेकिन सरकार ने 2022 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। म्यांमार से चीन को मूंग का भारी निर्यात किया जाता है।
म्यांमार में अरहर (तुवर) के नए माल की छिटपुट आवक शुरू हो गई है जबकि एक-दो माह के बाद उड़द की नई फसल भी आने लगेगी। भारत में इन दोनों दलहनों की कमी महसूस की जा रही है और इसका भाव काफी ऊंचा चल रहा है इसलिए म्यांमार से इसका भारी आयात होने की उम्मीद है।