iGrain India - नई दिल्ली । भारत में पिछले कुछ महीनों के दौरान अमरीकी अखरोट के आयात में भारी उछाल आया है। सितम्बर-नवम्बर 2023 की तिमाही में इसके आयात में वर्ष 2022 की समान अवधि के मुकाबले दोगुने से भी अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
भारत सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई के तहत लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क को वापस लिए जाने के बाद देश में अमरीकी (कैलीफोर्निया) अखरोट का आयात तेजी से बढ़ने लगा।
उल्लेखनीय है कि 9-10 सितम्बर 2023 को जी 20 देशों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे। इससे ठीक दो दिन पहले सरकार ने अमरीका के लगभग आधे-दर्जन उत्पादों पर लगे अतिरिक्त आयात शुल्क को समाप्त करने की घोषणा की थी जिसमें अखरोट भी शामिल था यह अतिरिक्त आयात शुल्क वर्ष 2019 में उस समय लगाया गया था जब अमरीकी सरकार ने भारत से आयातित कुछ खास स्टील एवं अल्युमिनियम उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया था।
जून 2023 में जब भारतीय प्रधानमंत्री ने अमरीका का पहला राजकीय दौरा किया था तब दोनों देश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) में लंबित छह विवादों को समाप्त करने तथा कुछ अमरीकी उत्पादों पर लगे अतिरिक्त आयात शुल्क को वापस लेने पर सहमत हो गए थे।
इसके बाद भारत सरकार ने अमरीकी काबुली चना पर लगे 10 प्रतिशत, मसूर पर लगे 20 प्रतिशत, बादाम पर लगे 7 रुपए प्रति किलो, छिलका रहित बादाम पर लगे 20 रुपए प्रति किलो, अखरोट, पर लगे 20 प्रतिशत एवं ताजे सेब पर लगे 20 प्रतिशत के अतिरिक्त आयात शुल्क को वापस लेने का फैसला किया।
ध्यान देने की बात है कि वहां से भारत में अखरोट का निर्यात वर्ष 2013 से आरंभ हुआ था और 2016-17 तक आते-आते यह उछलकर 14.385 टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था। वित्त वर्ष 2021-22 में यह घटकर 3552 टन रह गया। 2017-18 के दौरान भारत में अखरोट के कुल आयात में अमरीकी उत्पाद की भागीदारी बढ़कर 70 प्रतिशत के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई थी जो 2022-23 में घटकर 15 प्रतिशत के करीब रह गई। दूसरी ओर इसी अवधि में चिली से आयातित अखरोट की हिस्सेदारी 29.7 प्रतिशत से उछलकर 75.3 प्रतिशत पर पहुंच गई।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितम्बर-नवम्बर 2022 में अमरीका से भारत को 33 लाख पौंड (1496 टन) अखरोट का निर्यात हुआ था जो सितम्बर-नवम्बर 2023 में उछलकर 78 लाख पौंड या 3538 टन पर पहुंच गया।