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कमजोर निर्यात प्रदर्शन के कारण जीरा का भाव नरम रहने की संभावना

प्रकाशित 01/01/2024, 08:43 pm
कमजोर निर्यात प्रदर्शन के कारण जीरा का भाव नरम रहने की संभावना

iGrain India - मुम्बई । आमतौर पर नवम्बर-दिसम्बर के दौरान वैश्विक बाजार में भारतीय जीरे की जबरदस्त मांग रहती है लेकिन इस बार मांग कमजोर रही और अगले कुछ महीनों तक इसमें जोरदार इजाफा होना मुश्किल लगता है।

भारत में जीरा की आपूर्ति का ऑफ सीजन चल रहा है। इसके नए माल की आवक फरवरी के अंत या मार्च के आरंभ से शुरू  हो सकती है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कमजोर निर्यात प्रदर्शन के कारण निकट भविष्य में जीरा का घरेलू बाजार भाव नरम रहने की संभावना है।

हाल के दिनों में इसके दाम में भारी गिरावट आई है। एक तरफ निर्यात मांग मजबूत नहीं है तो दूसरी ओर जीरा के बिजाई क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। 

नवम्बर-दिसम्बर के दौरान सीजनल कारणों से जीरा के निर्यात में बढ़ोत्तरी होती है क्योंकि सीरिया और तुर्की जैसे निर्यातक देश- अगस्त-अक्टूबर के दौरान अपने जीरे के अधिकांश स्टॉक की बिक्री करते हैं जबकि भारत में बिजाई नवम्बर-दिसम्बर में होती है और उत्पादन तथा स्टॉकिस्ट अपना माल तेजी से बाजार में उतारने लगते हैं।

कुछ समीक्षकों का मानना है कि वर्ष 2023 में जीरा का घरेलू बाजार भाव उछलकर ऊपर में 65,000 रुपए प्रति क्विंटल के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जबकि वर्ष 2024 में यह घटकर 30,000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे आ सकता है।

पिछले साल के मुकाबले चालू सीजन के दौरान जीरा के बिजाई क्षेत्र में काफी अच्छी बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिले हैं। दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात एवं राजस्थान में जीरा का क्षेत्रफल तेजी से बढ़ा है जिससे उत्पादन में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है।

पिछले सप्ताह जनवरी अनुबंध के लिए जीरा का वायदा भाव घटकर 30,900 रुपए प्रति क्विंटल रह गया जो एक माह पूर्व प्रचलित भाव 44,610 रुपए प्रति क्विंटल के करीब 31 प्रतिशत कम था।

विश्लेषकों के मुताबिक वर्ष 2023 के दौरान जीरा के दाम में जितना जबरदस्त उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया उतना पहले कभी नहीं देखा गया था। इसका प्रमुख कारण आपूर्ति एवं उपलब्धता में जटिलता बरकरार रहना माना गया। चीन, सीरिया एवं अफगानिस्तान जैसे अन्य निर्यातक  देशों में पिछले साल जीरा का उत्पादन कमजोर रहा था। 

वर्तमान समय में भारतीय जीरा वैश्विक निर्यात बाजार में सबसे सस्ते दाम पर उपलब्ध है। इसके फलस्वरूप नवम्बर-दिसम्बर के दौरान इसके शिपमेंट में कुछ सुधार देखा गया।

भारतीय जीरे का निर्यात ऑफर मूल्य फिलहाल 4300-4500 डॉलर प्रति टन चल रहा है और इसका अधिकांश निर्यात चीन को किया जा रहा है।

नवम्बर में देश से करीब 10 हजार टन जीरे का निर्यात हुआ जबकि दिसम्बर तथा जनवरी में इसकी मात्रा अधिक रहने की संभावना है। मसाला बोर्ड के मुताबिक भारत में 2022-23 सीजन के दौरान कुल 6,27,031 टन जीरा का उत्पादन हुआ था।  

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