iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । देश के सबसे दक्षिणी राज्य- केरल में वर्ष 2023 के दौरान 24 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई जो वर्ष 2017 के बाद सबसे खराब मानी जा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक केरल में केवल 2202 मि०मी० बारिश हुई जो सामान्य औसत स्तर 2890 मि०मी० से काफी कम थी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान राज्य में वर्षा की हालत अत्यन्त कमजोर रही जिससे वहां सर्वाधिक कम वर्षा होने का रिकॉर्ड बनने की आशंका उत्पन्न हो गई थी लेकिन उत्तर-पूर्व मानसून के सीजन में अधिशेष बारिश होने के कारण सूखे का रिकॉर्ड नहीं बन पाया। 31 दिसम्बर को इस मानसून की अवधि भी समाप्त हो गई।
उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान केरल में 624 मि० मी० वर्षा हुई जो समान्य औसत 492 मि०मी से 27 प्रतिशत अधिक रही। वर्ष के अंतिम महीनों में हुई अच्छी वर्षा से केरल में कुछ फसलों को राहत मिलने की उम्मीद है।
इससे पूर्व केरल में वर्ष 2016 के दौरान सबसे कम बारिश हुई थी जब अल नीनो मौसम चक्र का गभीर प्रकोप होने से उत्तर-पूर्व मानसून भी बहुत कमजोर रहा था। हालांकि वर्ष 2023 में भी अल नीनो का प्रकोप रहा लेकिन इसका असर उत्तर-पूर्व मानसून पर ज्यादा नहीं पड़ा।
केरल में वर्षा का सीजन कई भागों में बंटा हुआ है। वहां जनवरी-फरवरी में शीतकालीन वर्षा, मार्च-मई में मानसून-पूर्व की वर्षा, जून-सितम्बर में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा तथा अक्टूबर-दिसम्बर में उत्तर-पूर्व मानसून की वर्षा का सीजन रहता है।
वर्ष 2023 में प्रथम एवं दूसरे सीजन के दौरान वर्षा की कमी 20 प्रतिशत रही जबकि दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में 34 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। वायनाड एवं कन्नूर में वर्षा का अभाव रहा। इडुक्की, पठानमथिट्टा, तिरुअनन्तपुरमम, कोट्टायम, आलापुझा तथा एर्नाकुलम में बारिश की हालत सुधर गई।