iGrain India - कोच्चि । हालांकि खाड़ी क्षेत्र में अवस्थित देश- सऊदी अरब भारतीय मसालों का परम्परागत रूप से एक महत्वपूर्ण खरीदार रहा है लेकिन अब वहां बांग्ला देश के मसालों की मांग तेजी से बढ़ने लगी है जबकि स्वयं बांग्ला देश अनेक मसालों के आयात के लिए भारत पर निर्भर रहता है।
ध्यान देने की बात है कि भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, खपतकर्ता एवं निर्यातक देश है। यहां अच्छी क्वालिटी के मसालों का उत्पादन होता है। जिसे देश-विदेश में काफी पसंद किया जाता है।
सऊदी अरब में भारतीय मसालों को बांग्ला देश की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बांग्ला देश के निर्यात संवर्धन ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-नवम्बर 2023 के दौरान खाड़ी क्षेत्र के देशों में बांग्ला देश से मसालों का निर्यात बढ़कर 141 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जिसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा का निर्यात सिर्फ सऊदी अरब को किया गया। इसके फलस्वरूप सऊदी अरब धीरे-धीरे बांग्ला देशी मसालों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बनता जा रहा है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार खाड़ी क्षेत्र के देशों में सऊदी अरब बांग्ला देशी खाद्य उत्पादों के लिए सबसे बड़ा बाजार बन गया है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन तथा ओमान का स्थान है।
सऊदी अरब में बांग्ला देशी मसालों की मांग एवं खपत बढ़ती जा रही है। वहां उच्च क्वालिटी के उत्पादों का निर्यात हो रहा है और खाड़ी क्षेत्र में भारतीय मसालों के लिए गंभीर चुनौती उत्पन्न होने लगी है।
सऊदी अरब में 26 लाख से अधिक बांग्ला देशी रहते हैं जो बांग्ला देश में उत्पादित मसालों को बहुत पसंद करते हैं।
इसके फलस्वरूप वहां इसका स्थायी एवं विशाल बाजार बनने की उम्मीद है। बांग्ला देश के मसाले अपेक्षाकृत रास्ते होते हैं। बांग्ला देश से सऊदी अरब सहित खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों को मुख्यत: हल्दी, लालमिर्च, धनिया, जीरा एवं करी पाउडर आदि का निर्यात हो रहा है।