iGrain India - शिकागो । वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के दौरान प्रमुख खाद्य तेलों के वायदा मूल्य में भारी गिरावट देखी गई और यह लगभग सामान्य स्तर पर आ गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान सोयाबीन तेल के वायदा मूल्य में 24.8 प्रतिशत, रेपसीड तेल के वायदा मूल्य में 25 प्रति तथा कैनोला तेल के वायदा मूल्य में 24.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
इन तेलों का वायदा भाव अलग-अलग एक्सचेंजों में गिर गया। इसी तरह कुआलालम्पुर एक्सचेंज में मलेशियाई पाम तेल के वायदा भाव में भारी कमी आ गई।
इसी तरह कुआलालम्पुर एक्सचेंज में मलेशियाई पाम तेल के वायदा भाव में भारी कमी आ गई। इससे इंडोनेशिया में भी दाम उसके अनुरूप ही घट गया। इतना ही नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन में सूरजमुखी तेल का भाव घटकर काफी नीचे आ गया जिससे आयातक देशों को काफी राहत मिली।
जहां तक चालू वर्ष (2024) का सवाल है तो शुरूआती चरण के दौरान ब्राजील एवं अर्जेन्टीना में सोयाबीन के उत्पादन पर सबका ध्यान केन्द्रित रहेगा। ब्राजील में मौसम की हालत प्रतिकूल बनी हुई है।
इसके अलावा मध्य-पूर्व में छाई अनिश्चितता के माहौल रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध और उत्तरी भारी का महाद्वीप में सूखा राहत की जरूरत पर भी सबकी नजर रहेगी। कनाडा के प्रेयरीज संभाग में सूखे की स्थिति बरकरार है और वहां किसानों को सरकारी सहायता की सख्त आवश्यकता है।
भारत तथा चीन सहित अन्य प्रमुख खाद्य तेल आयातक देशों की मांग पर ध्यान रखना आवश्यक होगा। इंडोनेशिया मलेशिया में अल नीनो का प्रकोप पाम तेल के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन उत्साहवर्धक नहीं रहेगा। अमरीका और कनाडा में आगे का मौसम काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।