iGrain India - नई दिल्ली । ईरान में वर्ष 2023 के दौरान भारत से होने वाले निर्यात में 44 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट आई गई जिसे गंभीर चिंता का विषय माना जा सकता है।
मालूम हो कि ईरान परम्परागत रूप से भारतीय बासमती चावल का सबसे अग्रणी खरीदार देश रहा है। भारत से करीब 20 प्रतिशत बासमती चावल का निर्यात अकेले ईरान को होता है।
लेकिन वहां भारतीय रुपए का भंडार तेजी से घटता जा रहा है जिससे इसे भारत से आयात घटाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि ईरान पर अमरीका ने आर्थिक प्रतिबंध लगा रखा है। भारत और ईरान में पारम्परिक मुद्रा में कारोबार के लिए समझौता हुआ था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में जनवरी-अक्टूबर के 10 महीनों के दौरान भारत से ईरान को केवल 88.80 करोड़ डॉलर मूल्य के सामानों का निर्यात किया गया जो वर्ष 2022 की समान अवधि के निर्यात से 44 प्रतिशत कम रहा।
समीक्षाधीन के दौरान ईरान में बासमती चावल, उच्च क्वालिटी की चाय एवं ताजे फसल आदि का निर्यात घट गया। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 की तुलना में जनवरी-अक्टूबर 2023 के दौरान भारत से ईरान को बासमती चावल का निर्यात 42 प्रतिशत लुढ़ककर 55.30 करोड़ डोलर पर सिमट गया मालूम हो कि भारत से ईरान को होने वाले कुल निर्यात में अकेले बासमती चावल की भागीदारी 62 प्रतिशत के करीब रहती है जिसे देखते हुए यह गिरावट काफी बड़ी प्रतीत होती है।
ईरान में रुपए का भंडार घटता भारतीय उत्पादों के निर्यात में आई गिरावट का प्रमुख कारण माना जाता है। भारत में ईरान से पेट्रोलियम का आयात लगभग बंद हो गया है जिससे उसे रुपए नहीं मिल रहे हैं।
समीक्षकों का कहना है कि ईरान अब भारत से केवल उन्हीं उत्पादों का आयात कर रहा है जिस पर प्रतिबंध लागू नहीं है। इसके फलस्वरूप ईरान की क्रय क्षमता में कमी आई है। फियो के अनुसार ईरान को अन्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का तरीका खोजे जाने की जरूरत है।