iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा वर्ष 2023 में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 765.66 लाख टन धान तथा 262.02 लाख टन गेहूं के साथ कुल 1027.68 लाख टन खाद्यान्न की खरीद की गई जिसकी कुल कीमत 2.19 लाख करोड़ रुपए रही। इस खरीद से देश के 125 लाख किसानों को फायदा हुआ।
खाद्य निगम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि वर्ष 2023 के दौरान खाद्यान्न के मूल्य के रूप में किसानों के बैंक खाते में 2,19,140 करोड़ रुपए जमा किए गए।
एफसीआई के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के अनुसार वर्ष 2023 एक उल्लेखनीय साल रहा क्योंकि खाद्य निगम ने प्रभावी ढंग से अपनी क्षमता का इस्तेमाल किया।
सबसे पहले तो उसने भंडारण एवं परिवहन खर्च में कटौती की। इसके बाद पिछले दशक से चले आ रहे कुछ अन्य घाटे को कम करने में सफलता मिली और फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई) पर आधारित अनाज विश्लेषण की प्रणाली भी आरंभ हो गई।
इसकी सहायता से खरीद प्रक्रिया के दौरान खाद्यान्न की क्वालिटी का मूल्यांकन करने में पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ाई जा सकेगी।
भारतीय खाद्य निगम खाद्यान्न की खरीद भंडारण एवं वितरण की सबसे प्रमुख सरकारी एजेंसी है और देश के सभी भागों में इसके गोदाम तथा डिपो मौजूद हैं।
इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनाज की आपूर्ति की जाती है। खाद्य निगम के पास हमेशा एक निश्चित न्यूनतम मात्रा से अधिक खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद रहता है। भारतीय खाद्य निगम की ओर से प्रांतीय एजेंसियों द्वारा किसानों से विशाल मात्रा में खाद्यान्न खरीदा जाता है।
सीएमडी के अनुसार देश के प्रत्येक कोने तक खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्य निगम द्वारा 450.83 लाख टन खाद्यान्न का परिवहन किया गया। इससे सभी क्षेत्रों में अनाज की आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिली।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा 263 लाख टन गेहूं और 411 लाख टन चावल का वितरण किया जा चुका है।
इसके अलावा खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों के दुष्प्रभाव से आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने हेतु खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए वर्ष 2023 में 55.11 लाख टन गेहूं तथा 1.43 लाख टन चावल की बिक्री की गई। मिलर्स प्रोसेसर्स को रियायती मूल्य पर इस योजना के तहत गेहूं उपलब्ध करवाया गया।