iGrain India - नई दिल्ली । सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की अग्रणी संस्था- नेशनल फेडरशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए चीनी का उत्पादन अनुमान 291.50 लाख टन से बढ़ाकर अब 305 लाख टन निर्धारित कर दिया है।
पिछले साल के मुकाबले चालू सीजन में 31 दिसम्बर 2023 तक चीनी के उत्पादन में गिरावट का स्तर भी घटकर 7.6 प्रतिशत रह गया जबकि 15 दिसम्बर तक यह 9.2 प्रतिशत रहा था। फेडरेशन ने आगामी समय में चीनी के उत्पादन में कुछ और सुधार आने की संभावना व्यक्त की है।
फेडरेशन के प्रबंध निदेशक के अनुसार चूंकि चीनी का कुल घरेलू उत्पादन सीजन के शुरुआती दिनों में लगाए गए अनुमान 290 लाख टन की तुलना में अब करीब 15 लाख टन बढ़ने की उम्मीद है इसलिए एथनॉल निर्माण पर लगाए गए वर्तमान नियंत्रण में कुछ राहत-रियायत दी जा सकती है।
उनका कहना था कि फेडरेशन और इंडियन शुगर एक बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया जाएगा।
फेडरेशन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन की पहली तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर 2023) के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 511 मिलों में 1222.60 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हुई और 9.17 प्रतिशत की औसत रिकवरी दर के साथ कुल 112.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ।
पिछले मार्केटिंग सीजन की समान अवधि के दौरान 514 इकाइयों में 1320.60 लाख टन गन्ना की क्रशिंग से 121.40 लाख टन चीनी का निर्माण हुआ था और गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर 9.19 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
फेडरेशन के अध्यक्ष के अनुसार चूंकि ठंड में बढ़ोत्तरी हो रही है इसलिए आगामी दिनों के दौरान गन्ना से चीनी की रिकवरी तथा गन्ना की उपज दर में कुछ इजाफा होने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार ने गन्ना जूस से एथनॉल के उत्पादन को सीमित कर दिया है इसलिए चीनी का उत्पादन कुछ सुधर सकता है और खाद्य उद्देश्य के लिए पहले की तुलना में इसकी उपलब्धता बढ़ेगी।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले सीजन की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश में 30.80 लाख टन से उछलकर 34.70 लाख टन पर पहुंच गया। लेकिन महाराष्ट्र में 47.40 लाख टन से लुढ़ककर 38.20 लाख टन तथा कर्नाटक में 26.70 लाख टन से घटकर 24 लाख टन पर अटक गया। गन्ना की क्रशिंग अभी जारी है।