iGrain India - मंगलोर । दक्षिण भारतीय राज्य- कर्नाटक में मंगलोर जिले के सुल्लिया तालुक में पिछले दिन अप्रत्याशित रूप से करीब 100 मि०मी० बारिश हो गई जो जनवरी में अब दिन में हुई वर्षा का नया रिकॉर्ड है।
इससे खासकर सुपारी उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है। उत्पादकों ने सुपारी को पेड़ो से तोड़कर उसे सुखाने के लिए बागानों में तथा अन्य स्थानों पर फैलाकर रख दिया था जिसे इस बेमौसमी वर्षा से नुकसान होने की आशंका है।
विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2000 से अब तक जनवरी में हुई यह काफी वर्षा किसी एक दिन के लिए सबसे ज्यादा है। सुल्लिया तालुक के बलिला गांव में तो 105 मि०मी० वर्षा दर्ज की गई जिससे खेतों-खलिहानों में पानी भर गया है। इससे पूर्व वहां 12 जनवरी 2000 को 42 मि०मी० वर्षा हुई थी।
समीक्षकों के मुताबिक अचानक हुई इस जोरदार बारिश से उत्पादकों को सुपारी की फैलाई गई ढेर को समेटने और उसे सुरक्षित स्थानों पर भंडारण करने का अवसर नहीं मिल सका और इसलिए उसकी क्वालिटी खराब होने की आशंका है।
इसी तरह प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन भी इस बारिश से चिंतित हैं क्योंकि इससे लैटेक्स का कम निर्माण होगा। इसके अलावा वहां कालीमिर्च एवं आम की फसल भी प्रभावित होने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक कालीमिर्च, सुपारी तथा कॉफी का अग्रणी उत्पादक प्रान्त है। वहां इसके नए माल की तुड़ाई-तैयारी का समय निकट आ गया है।
यह बेमौसमी वर्षा बागानी फसलों के लिए अब अच्छी नहीं मानी जा रही है क्योंकि इससे मैच्योर फसलों को लाभ के बजाए नुकसान होने की संभावना है। उत्पादक आगे और बारिश की आशंका से भी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।