iGrain India - काठमांडू । नेपाल के आयातकों का कहना है कि भारत से वर्तमान कोटा व्यवस्था के अंतर्गत भारत से गैर बासमती चावल के आयात पर अनेक नियंत्रण लगे हुए हैं और इसका पालन करने पर घरेलू प्रभाग में आयातित चावल का दाम करीब 30 प्रतिशत ऊंचा हो जाएगा।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार व्यापारिक निर्यातक पर प्रतिबंध लगने से पूर्व भारतीय कच्चे चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू था जो अब भी बरकरार है। इस सीमा शुल्क के कारण नेपाल में आयातित इस चावल का दाम 300-400 रुपए प्रति 25 किलो बढ़ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई 2023 को भारत सरकार ने गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी और उसके बाद नेपाल के लिए 95 हजार टन चावल का निर्यात कोटा जारी किया। लेकिन निर्यात की अनुमति के साथ-साथ इस पर कुछ शर्तें भी लगाई गई। 18 अक्टूबर को नेपाल के लिए इस चावल का निर्यात कोटा आवंटित हुआ था।
इस व्यवस्था के तहत नेपाल के प्रत्येक प्राइवेट आयातक को 5000 टन तक चावल मंगाने की अनुमति दी गई है और इसके लिए पहले आओ-पहले पाओ' को आधार बनाया गया है बशर्ते आयातक चावल की कीमत-क्वालिटी पर सहमत हो। 26 दिसंबर 2023 को नेपाल सरकार ने अपने प्राइवेट आयातकों को भारतीय आपूर्तिकर्ता के साथ सम्पर्क स्थापित करने के लिए कहा।
मालूम हो कि भारत सरकार ने कोटा वाले चावल के निर्यात संचालन का दायित्व अपनी एक नई अधीनस्थ एजेंसी- नेशनल को ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स ऑफ इंडिया को सौंपा है।
एसोसिएशन ऑफ नेपालीज राईस, ऑयल एंड पल्सेस इंडस्ट्रीज के एक सदस्य के अनुसार जब चावल आयात के लिए भारतीय एजेंसी के साथ सम्पर्क किया गया तब यह जानकार भारी हैरानी हुई कि इस चावल पर नियमों-शर्तों की एक पूरी श्रृंखला लागू है।
इस पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है और खरीदे जाने वाले चावल के मूल्य का 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान होना आवश्यक है।
खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद अगले पांच कार्य दिवसों में सम्पूर्ण अग्रिम भुगतान हो जाना चाहिए। नेपाल में एल सी खोला जाना भी आवश्यक है।