iGrain India - नई दिल्ली । एथनॉल निर्माण में गन्ना के उपयोग में जारी अनिश्चित्ता को देखते हुए केन्द्र सरकार अब अनाज आधारित एथनॉल इकाइयों को मक्का की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्लान बना रही है जिससे एक साथ तीन फायदे हो सकते हैं।
एक तो किसानों को मक्का का ऊंचा दाम मिलने से उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा, दूसरे, एथनॉल निर्माताओं को कच्चे माल की चिंता नहीं सताएगी और तीसरे, चीनी का उत्पादन बढ़ने में सहायता मिलेगी। इससे चीनी मिलों को अधिक मात्रा में गन्ना प्राप्त हो सकता है।
पिछले दिनों केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा था कि शीघ्र ही एक ऐसा पोर्टल लांच किया जाएगा जो मक्का उत्पादकों को एथनॉल निर्माण इकाइयों के साथ जोड़ेगा।
सहकारिता मंत्री के अनुसार जिस तरह अरहर उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए नया पोर्टल लांच किया गया है उसी प्रकार भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) द्वारा मक्का उत्पादकों के लिए एक नया पोर्टल आरंभ किया जाएगा। जिससे देश में एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने में अच्छी सहायता मिलेगी।
इस पोर्टल के जरिए किसान अपने मक्के की बिक्री के लिए सरकारी एजेंसियों से सम्पर्क करेंगे और सरकारी एजेंसियां एथनॉल निर्माताओं से उसकी मांग एवं जरूरत के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगी।
एथनॉल निर्माताओं द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदा जाएगा। इस तरह किसानों का खेत मक्का का ही उत्पादक नहीं करेगा बल्कि पेट्रोलियम उत्पादन का कुआं बन जाएगा।