iGrain India - हनोई । दक्षिण-पूर्व एशिया में अवस्थित वियतनाम से वर्ष 2023 में चावल का निर्यात बढ़कर 81 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था मगर वर्ष 2024 में घटकर 65-70 लाख टन पर अटक जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि भारत और थाईलैंड के बाद वियतनाम संसार में चावल का तीसरा सबसे प्रमुख निर्यातक देश है। वह अब धीरे-धीरे ऊंची कीमत एवं बेहतर क्वालिटी वाले चावल के निर्यात पर विशेष जोर दे रहा है और सामान्य श्रेणी के चावल के शिपमेंट में कटौती कर रहा है।
वियतनाम फूड एसोसिएशन के अनुसार घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तथा जलवायु परिवर्तन को देखते हुए देश से चावल के निर्यात पर कुछ नियंत्रण लगाया जा सकता है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष में मध्य फरवरी तक वियतनाम से चावल का निर्यात 14.4 प्रतिशत बढ़कर 6.63 लाख टन पर पहुंच गया।
चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया एवं अफ्रीकी देशों में वियतनामी चावल की अच्छी मांग बनी हुई है क्योंकि एक तो भारत से गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर जुलाई 2023 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है और दूसरे, अल नीनो मौसम चक्र कम से कम 2024 के मध्य तक बरकरार रहने की संभावना है कई देशों में धान-चावल का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
चावल का वैश्विक बाजार भाव आगे कुछ और तेज हो सकता है इसलिए कई देश इसका स्टॉक बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। गत वर्ष वियतनाम सरकार ने कहा था कि वर्ष 2030 तक देश से चावल के वार्षिक निर्यात को घटाकर 40 लाख टन तक सीमित रखने का प्लान बनाया गया है ताकि घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति-उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी रहे और कीमतों में ज्यादा तेजी न आ सके।