iGrain India - ह्यूस्टन । अल नीनो मौसम चक्र अपने अंतिम चरण में है और ला नीना मौसम चक्र के आने की सभी 55 प्रतिशत संभावना व्यक्त की जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि ला नीना के आने पर अमरीका में ग्रीष्मकाल का सीजन काफी गर्म रह सकता है और खासकर उसके उत्तरी भाग में भयंकर गर्मी पड़ सकती है। इससे वहां सोयाबीन, मक्का एवं बसंतकालीन गेहूं की बिजाई तथा प्रगति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि अमरीका दुनिया में मक्का के उत्पादन एवं निर्यात में प्रथम स्थान पर रहता है जबकि सोयाबीन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है।
यह गेहूं के भी अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक देशों में शामिल है इसलिए वहां उत्पादन प्रभावित होने पर वैश्विक बाजार में इन उत्पादों का दाम मजबूत हो सकता है। अगले महीने से वहां इसकी बिजाई शुरू होने वाली है।
मौसम विभाग ने समूचे अमरीका में बसंतकाल के दौरान तापमान सामान्य स्तर से ऊंचा रहने का अनुमान व्यक्त किया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि उदासीन स्थिति रही यानी अल नीनो और ला नीना में से किसी का प्रकोप नहीं रहा तो मौसम सामान्य बना रह सकता है और इससे कृषि क्षेत्र को कोई खतरा नहीं होगा।
लेकिन अभी तक के मौसम मॉडल्स से जो संकेत मिलता है वह ला नीना के आगमन का समर्थन कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के मौसम ब्यूरो ने भी कहा है कि अप्रैल के अंत तक अल नीनो का प्रभाव समाप्त हो सकता है और ला नीना के आने की संभावना बढ़ सकती है। इस बार सुपर अल नीनो के प्रभाव से शीतकाल का समय भी बहुत गर्म रहा जिसका अनुमान पहले नहीं लगाया गया था।
अमरीका में सामान्य स्तर से अधिक बारिश मुख्यत: शीतकाल में होती है और खासकर देश के दक्षिणी भाग में इसकी संभावना ज्यादा रहती है। इससे वहां सूखे की आशंका बहुत कम रहती है।
यदि ला नीना का आगमन होता है तो जाड़े में बारिश प्रभावित हो सकती है। वहां बसंतकाल एवं ग्रीष्मकाल में ला नीना के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इससे कनाडा में भी गर्मी एवं सूखे का संकट बढ़ने की आशंका रहेगी।