iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि दिसम्बर 2023 में ऑस्ट्रेलिया से 2,30,652 टन मसूर का निर्यात हुआ था जो जनवरी 2024 में 62 प्रतिशत घटकर 87.056 टन पर अटक गया।
पिछले मार्केटिंग सीजन में जनवरी 2023 तक ऑस्ट्रेलिया से 3,10,641 टन मसूर का निर्यात हुआ था जबकि चालू मार्केटिंग सीजन की समान अवधि में शिपमेंट 41 प्रतिशत अधिक रहा।
जनवरी 2024 में एक बार फिर भारत मसूर का सबसे बड़ा खरीदार बना रहा जिसने ऑस्ट्रेलिया से 42,709 टन का आयात किया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से मिस्र को 17,182 टन तथा श्रीलंका को 10,641 टन मसूर का निर्यात किया गया जबकि शेष भाग का शिपमेंट कुछ अन्य देशों में हुआ। ऑस्ट्रेलिया में इस बार मसूर का उत्पादन पिछले सीजन के रिकॉर्ड स्तर से कम होने की संभावना है।
उधर कनाडा में मसूर का भाव कुछ नरम पड़ गया है। इसकी नई फसल की बिजाई अप्रैल-मई में शुरू होने की संभावना है। मोटी हरी मसूर की आगामी फसल का दाम 55-57 सेंट प्रति पौंड, छोटी हरी मसूर का 50-52 सेंट तथा लाल मसूर का भाव 30-31 सेंट प्रति पौंड बताया जा रहा है।
मौजूदा स्टॉक वाले माल के तहत मोटी हरी मसूर का दाम 81-82 सेंट प्रति पौंड की शीर्ष ऊंचाई पर पहुंच गया है क्योंकि इसका अत्यन्त सीमित स्टॉक बचा हुआ है और उत्पादक उसे रोकने का प्रयास कर रहे हैं। नम्बर 2 क्वालिटी की छोटी हरी मसूर का दाम 74-75 सेंट प्रति पौंड तथा लाल मसूर का 32-33 सेंट प्रति पौंड बताया जा रहा है।
कनाडा में पिछले साल की तुलना में इस बार मसूर का स्टॉक कम है और इसे वैश्विक निर्यात बाजार में ऑस्ट्रेलिया, रूस एवं यूक्रेन जैसे देशों की कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
भारत में पहले ही विशाल मात्रा में मसूर आयात हो चुका है जबकि घरेलू उत्पादन भी बेहतर होने के आसार हैं। इसके फलस्वरूप अगले 5-6 महीने तक मसूर की अच्छी उपलब्धता रहेगी और कीमतों में विशेष तेजी मंदी नहीं आएगी।