iGrain India - रंगून । म्यांमार के इकोनॉमी एंड कॉमर्स मंत्रालय के अधीनस्थ व्यापार विभाग ने दलहन, मक्का एवं तिल व्यापारी संघ को जारी एक पत्र में कहा गया है कि कारोबारियों को सट्टेबाजी के उद्देश्य से कृषि उत्पादों की खरीद और उसका भंडारण नहीं करना चाहिए।
एसोसिएशन से कहा गया है कि वह अपने सभी सदस्यों को सरकार के इस आदेश से अवगत करवा दे। 28 फरवरी 2024 को व्यापार विभाग ने यह पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि सटोरिया गतिविधि (स्पेक्युलेशन) के उद्देश्य से दलहन, मक्का और तिल जैसे कृषि उत्पादों की न तो खरीद करनी चाहिए और न ही इसका भंडारण करना चाहिए।
यदि इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो इसकी जांच-पड़ताल और पहचान की जानी चाहिए। इस सरकारी पत्र के अलोक में पल्सेस, मेज एंड सीसेस ट्रेडर्स एसोसिएशन ने अपने सभी व्यापारिक सदस्यों को सटोरिया कारोबार के उद्देश्य से खासकर दलहनों की खरीद और भंडारण नहीं करने का सुझाव दिया है।
समझा जाता है कि भारत सरकार के दबाव से म्यांमार सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। कुछ दिन पूर्व भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने म्यांमार के दलहन व्यापारियों- निर्यातकों को आगाह करते हुए कहा था कि वे भारत की मजबूरी का नाजायज फायदा उठाने का प्रयास न करे अन्यथा सरकार को कुछ नए विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है।
म्यांमार के व्यापारी-निर्यातक भारी मात्रा में किसानों से दलहनों की खरीद करके उसका स्टॉक बना लेते हैं मगर निर्यात की गति धीमी रखते हैं। इससे भारत पर असर पड़ता है।
मालूम हो कि भारत में म्यांमार से अरहर (तुवर) एवं उड़द का भारी मात्रा में आयात किया जाता है। उड़द का सर्वाधिक आयात म्यांमार से ही होता है।