iGrain India - शंघाई । चीन ने अमरीकी गेहूं के निर्यात शिपमेंट की एक और खेप को निरस्त (कैंसिल) कर दिया है जबकि वह पहले ही रिकॉर्ड संख्या में शिपमेंट को निरस्त कर चुका है। चीन के इस निर्णय से शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में अमरीकी गेहूं के वायदा मूल्य पर दबाव पड़ने लगा है।
अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) द्वारा एक बयान में कहा गया है कि प्राइवेट निर्यातक चीन को 2.64 लाख टन सॉफ्ट रेड शीत कालीन गेहूं के निर्यात करार से बाहर हो गए हैं।
यह लगातार तीसरा स्तर है जब इस तरह की घोषणा हुई है और इस तरह कुल मिलाकर 5.04 लाख टन अमरीकी गेहूं का निर्यात अनुबंध कैंसिल हो चुका है जो वर्ष 1999 के बाद की सबसे बड़ी मात्रा है।
उस्डा की इस घोषणा के बाद सीबोट में गेहूं का वायदा भाव 2.7 प्रतिशत तक घटकर 5.235 डॉलर प्रति बुशेल पर आ गया था जो अगस्त 2020 के बाद किसी एक दिन का न्यूनतम स्तर रहा। उसके बाद कीमतों में कुछ सुधार दर्ज किया गया।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार अनुबंधों के इस तरह कैंसिल होने से पता चलता है कि चीन अन्य देशों से सस्ते दाम पर गेहूं खरीद सकता है। यद्यपि शिकागो एक्सचेंज में गेहूं के वायदा मूल्य में सुधार आ गया लेकिन वैश्विक बाजार में इसका पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के कारण कीमतों पर अगले कई महीनों तक दबाव बरकरार रह सकता है।
खरीदार पहले से ही नरमी की धारणा में हैं इसलिए बाजार को स्थिर रहने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। शॉर्ट कवरिंग के लिए होने वाली लिवाली इसमें सहायक साबित हो सकती है।
चीन द्वारा आर्डर कैंसिल किए जाने से गेहूं बाजार में अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हुई है लेकिन समीक्षकों का मानना है कि जल्द ही अल्पकालीन लिवाली से बाजार में मजबूती लौट सकती है। कई अन्य देश अमरीकी गेहूं की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।