iGrain India - विजयवाड़ा । आंध्र प्रदेश दाल मिलर्स एंड ट्रेडर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से लेमन तुवर में सभी अग्रिम सौदों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही अब कोई मिलर आज के बाद से लेमन तुवर की अग्रिम खरीद- बिक्री नहीं कर सकेगा।
इसका कारण आंध्र प्रदेश में घटिया क्वालिटी की तुवर की बढ़ती आवक है। एसोसिएशन के अनुसार आंध्र प्रदेश में अच्छी क्वालिटी के दावे के साथ जिस लेमन तुवर कारोबर 9200-9300 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य स्तर पर हो रहा है उसमें 5 से 6 किलो तक अवशिष्ट पदार्थ (वैस्ट) होता है और नमी का अंश भी 13-14 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर देखा जा रहा है।
इसके मुकाबल वास्तविक रूप से अच्छी क्वालिटी की लेमन तुवर का बाजार भाव 10,300-12400 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। आंध्र प्रदेश में जिस लेमन तुवर का कारोबार हो रहा है वह सइज, क्वालिटी एवं वैस्ट की उपस्थिति की दृष्टि से लम्बी हल्की या घटिया श्रेणी की है।
एसोसिएशन के मुताबिक जबरदस्त सटोरिया गतिविधि के कारण इस बार लेमन तुवर का भाव जरूरत से काफी ज्यादा ऊंचा हो गया है बर्मा मैनीफेस्ट से यह सूचना मिली थी कि 5 मार्च 2024 को चेन्नई बंदरगाह पर करीब 45 हजार टन लेमन तुवर की खेप पहुंची थी मगर इस सम्पूर्ण आयातित स्टॉक को चेन्नई के वेयर हाउसों एवं कोल्ड स्टोरेज में भंडारित कर दिया गया।
इसके फलस्वरूप कुछ लोगों ने लेमन तुवर के ओपनिंग आगामी सौदों के तहत भाव बढ़ाने के लिए एक सिंडिकेट (समूह) का गहन कर लिया। अप्रैल, मई, जून तथा जुलाई सौदों के लिए भाव बढ़ाकर बोले जा रहे हैं जबकि इसके पीछे हाजिर लेमन स्टॉक का वास्तविक भौतिक समर्थन नहीं है
इससे सामान्य कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और छोटे-छोटे मिलर्स तथा व्यापारियों को बहुत कठिनाई हो रही है। केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वह लेमन तुवर में सटोरिया कारोबार पर अंकुश लगाकर देश में दलहन उद्योग को बचाने का प्रयास करे।