iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्र सरकार ने जुलाई 2023 से ही गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहता है और निकट भविष्य में यह पाबंदी बरकरार रहने की संभव है उत्तर प्रदेश में उत्पादित होने वाले प्रीमियम क्वालिटी के गैर बासमती चावल की एक वैरायटी- 'काला नामक' के निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। इस तरह निर्यात प्रतिबंध से छूट पाने वाला यह पहला गैर बासमती चावल बन सकता है।
लेकिन यदि इसे निर्यात की अनुमति दिए जाने की मांग जोर पकड़ सकती है। समझा जाता है कि खाद्य मंत्रालय ने काला नमक चावल के निर्यात की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा था जिसे एक अंतर मंत्रालयी पैनल ने अनुमोदित कर दिया है और 15 मार्च को इस आशय की एक अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
बताया जाता है कि केन्द्र ने तमिलनाडु में एक बंदरगाह से काला नमक चावल के निर्यात शिपमेंट की अनुमति देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बंदरगाह को सर्टिफाइड किया है। लेकिन इस चावल की श्रेणियों में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। काला नामक धान का परम्परागत पौधा काला होता है जबकि हाइब्रिड पौधा छोटा होता है।
उत्तर प्रदेश में काला नामक के उत्पादकों द्वारा लाभप्रद मूल्य प्राप्त नहीं होने की शिकायत किए जाने के बाद राज्य सरकार ने केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। राज्य सराकर का आंकलन है कि यदि शिपमेंट की स्वीकृति मिली तो अगले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में 50 टन काला नमक चावल का निर्यात हो सकता है।