iGrain India - नई दिल्ली । पिछले मार्केटिंग सीजन की समान अवधि के मुकाबले चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान धान की सरकारी खरीद में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आने के बावजूद केन्द्रीय पूल में चावल का कुल स्टॉक बढ़कर न्यूनतम आवश्यक बफर मात्रा से चार गुणा अधिक हो गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास करीब 572 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है। इसमें 272 लाख टन चावल का प्रत्यक्ष स्टॉक तथा लगभग 300 लाख टन मिलर्स से प्राप्त होने वाला स्टॉक शामिल है।
इस 300 लाख टन चावल के समतुल्य धान का स्टॉक है जिसे कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को आवंटित किया गया है। 1 अप्रैल को केन्द्रीय पूल में कम से कम 135.80 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद होना चाहिए।
खाद्य निगम को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को वितरित करने हेतु करीब 360 लाख टन चावल की वार्षिक जरुरत पड़ती है जबकि उसके पास इसका पर्याप्त भंडार मौजूद रहेगा।
पिछले साल निगम के पास 210 लाख टन चावल का हाजिर स्टॉक मौजूद था। अधिकारियों का कहना है कि पीडीएस के साथ-साथ खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आपूर्ति के लिए भी निगम के पास चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान धान की सरकारी खरीद 657.70 लाख टन से ऊपर पहुंच गई जो 67 प्रतिशत की औसत रिकवरी दर के आधार पर 53.20 लाख टन चावल के समतुल्य है।
अब रबी कालीन धान की सरकारी खरीद भी जल्दी ही शुरू होने वाली है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में सरकार द्वारा कुल 568.70 लाख टन चावल खरीदा गया था।