iGrain India - सस्काटून । चीन में पीली मटर से लगभग 2 लाख टन प्रोटीन का वार्षिक निर्माण होता है जिसके आधे- भाग का निर्यात अकेले अमरीका को किया जाता है। इस प्रोटीन के निर्माण के लिए चीन में कनाडा से विशाल मात्रा में मटर का आयात किया जाता है।
अल अमरीका में चीन से आयातित मटर- प्रोटीन के लिए एंटी-डम्पिंग जांच-पड़ताल शुरू हो गई है। यदि वहां इसके आयात को नियंत्रित या प्रतिबंधित करने का प्रयास किया गया तो चीन में कनाडा में मटर का आयात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
वैसे भी चीन में अब रूस से मटर का आयात होगी से बढ़ रहा है जिससे कनाडा के लिए प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है। यूक्रेन भी चीन में मटर का निर्यात शुरू करने के लिए प्रयत्नशील है।
दरअसल अमरीका को लगता है कि चीन के मटर प्रोटीन निर्माताओं ने उसके बाजार को आसान लक्ष्य (इजी टारगेट) बना लिया है और जरूरत से ज्यादा मात्रा में अमरीकी बाजार में अपना स्टॉक उतारना शुरू कर दिया है।
इससे स्वदेशी (अमरीकी) प्रोटीन निर्माताओं को अनावश्यक तथा अपमान प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी हालत में चाइनीज उत्पाद के आयात को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
भारी मात्रा में प्रोटीन का उत्पादन एवं निर्यात होने के कारण चीन के उद्यमी अब तक मटर का विशाल आयात करते रहे हैं। यदि प्रोटीन के निर्यात में बाधा पड़ी तो वहां मटर के आयात में स्वाभाविक रूप से भारी गिरावट आ जाएगी।
गत 8 फरवरी को सामयिक जांच-पड़ताल के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अमरीकी वाणिज्य विभाग ने चीन के दो प्रोटीन निर्माताओं पर 280 प्रतिशत का एंटी डम्पिंग शुल्क लगा दिया जबकि शेष निर्माताओं-निर्यातकों पर 122 प्रतिशत क टैक्स लगाया गया।
इस मामले की अंतिम जांच पड़ताल तथा उसके निष्कर्ष का निर्धारण 24 जून 2024 को होना निश्चित किया गया है। यदि उसमें कुछ अन्य कठोर निर्णय लेने की सिफारिश की गई तो चीन के मटर प्रोटीन निर्माताओं की कठिनाई काफी बढ़ जाएगी। वैसी स्थिति में उसे मटर-प्रोटीन निर्यात के लिए या तो नए बाजारों की तलाश करनी पड़ेगी या फिर अपना उत्पादन घटना पड़ेगा।