iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर 1 मार्च 2024 को 97 लाख टन पर आ गया। पहले उम्मीद की जा रही थी कि मार्च में इसकी अच्छी खरीद हो जाएगी तो सरकारी स्टॉक में इजाफा होगा लेकिन अभी तक गेहूं की खरीद आरंभ नहीं हुई।
हालांकि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) को 1 मार्च से स्थगित कर दिया गया है लेकिन उससे पूर्व इसके तहत 94.10 लाख टन की रिकॉर्ड बिक्री हो चुकी थी।
28 जून 2023 से 28 फरवरी 2024 तक यह योजना चालू रही। इस योजना के अंतर्गत जनवरी से प्रत्येक सप्ताहिक नीलामी में गेहूं की बिक्री बढ़ती रही क्योंकि मिलर्स-प्रोसेसर्स ने इसकी खरीद में जबरदस्त उत्साह दिखाया। सरकारी गेहूं अपेक्षाकृत सस्ते दाम पर उपलब्ध था।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर इस बार 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जबकि थोक मंडी भाव इससे ऊपर चल रहा है।
बेंचमार्क इंदौर मंडी में गेहूं का दाम 2350-2450 रुपए प्रति क्विंटल बताया जा रहा है। राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में गेहूं पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा हुई है जिससे वहां किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा।
ऐसी हालत में वहां व्यापारियों के इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की खरीद करने में कठिनाई होगी। गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे प्रांतों में कहीं-कहीं अगैती बिजाई वाले गेहूं की नई फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी आरंभ हो गई है लेकिन पंजाब-हरियाणा में इसकी प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू होगी और पंजाब की मंडियों में बैसाखी पर्व के बाद आपूर्ति जोर पकड़ेगी।
केन्द्रीय पूल में गेहूं का योगदान देने वाले पांच शीर्ष राज्यों में पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान शामिल हैं। इसके अलावा बिहार में भी इसकी अच्छी खरीद होती है।