iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2023-24 सीजन के दौरान 33.39 लाख टन तुवर के घरेलू उत्पादन की संभावना व्यक्त की है जो 2022-23 सीजन के उत्पादन 33.12 लाख टन से कुछ ज्यादा है।
दूसरी ओर इसकी घरेलू मांग एवं खपत 45 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है। इस तरह मांग की तुलना में आपूर्ति 11-12 लाख टन कम होने वाली है। इस कमी को म्यांमार तथा अफ्रीकी देशों से आयात के जरिए पूरा किया जाएगा। इसके अलावा मसूर जैसे कुछ अन्य दलहनों का विकल्प भी मौजूद रहेगा।
बफर स्टॉक के लिए नैफेड एवं एनसीसीएफ जैसी केन्द्रीय एजेंसियों ने 15 फरवरी से 15 अप्रैल के बीच 4 लाख टन तुवर की खरीद का प्लान बनाया है। म्यांमार में लेमन तुवर के नए माल का ऑफर मूल्य मार्च-अप्रैल शिपमेंट के लिए 1295 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि घरेलू लेमन तुवर का भाव चेन्नई में 10,175 रुपए प्रति क्विंटल या 1190 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया।
कनाडाई हरी मसूर की आगामी नई फसल का निर्यात ऑफर मूल्य सितम्बर-नवम्बर शिपमेंट के लिए 1225-1230 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है जिसमें चेन्नई / तूतीकोरिन बंदरगाह तक पहुंच का खर्च भी शामिल है।
लेकिन भारतीय आयातक इसकी खरीद में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व इसका अंतिम कारोबार 119 डॉलर प्रति टन के मूल्य स्तर पर सुना गया था। रूस में हरी मसूर का स्टॉक नगण्य होने से भारत के लिए इसका कोई विशेष ऑफर नहीं दिया जा रहा है।
अफ्रीकी देशों में तुवर का स्टॉक लगातार घटता जा रहा है। मोजाम्बिक और मलावी सहित अन्य निकटवर्ती देशों में जल्दी ही तुवर की बिजाई शुरू होने वाली है। भारतीय आयातकों का ध्यान अब म्यांमार की तुवर पर केन्द्रित हो गया है।
वहां इस बार फसल अच्छी रही है मगर भारत की मजबूत मांग से भाव ऊंचा चल रहा है। म्यांमार सरकार ने व्यापारियों- निर्यातकों को माल का स्टॉक रोकने और कीमतों में अनावश्यक वृद्धि करने से बचने का निर्देश दिया है।