iGrain India - नई दिल्ली । 2023-24 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान सरकारी एजेंसियों द्वारा अब तक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कुछ 657.70 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है
जो 534.20 लाख टन चावल के समतुल्य है 2022-23 के सीजन में कुल 568.70 लाख टन चावल के समतुल्य धान खरीदा गया था। अभी तक धान की खरीद गत वर्ष से 7.5 प्रतिशत पीछे चल रही है। रबी कालीन धान की आवक और खरीद अभी शुरू नहीं हुई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा इसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा केन्द्रीय पूल के लिए पंजाब में 185.40 लाख टन तथा हरियाणा में 58.80 लाख टन धान खरीदा गया। वर्ष खरीद की प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है जबकि खरीद की मात्रा गत वर्ष से अधिक रही।
इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से उड़ीसा में 57.40 लाख टन, तेलंगाना में 47.30 लाख टन, बिहार में 23.40 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 18.90 लाख टन तथा पश्चिम बंगाल में 10.80 लाख टन धान खरीदा जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में धान की खरीद सरकारी खरीद उछलकर 140 लाख टन से ऊपर पहुंच गई जबकि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में भी इसकी अच्छी खरीद हुई।
सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए धान को कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को आवंटित किया जाता है और मिलर्स 67 प्रतिशत की रिकवरी दर के आधार पर खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करते हैं।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चावल का उत्पादन पिछले साल के 1250 लाख टन से घटकर इस बार 1238 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है।