iGrain India - कीव । एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक का कहना है कि खाद्यान्न एवं तिलहनों का वैश्विक बाजार भाव नरम रहने तथा सामुद्रिक परिवहन में समस्या उत्पन्न होने से यूक्रेन में चालू वर्ष के दौरान फसलों के बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है जिससे इसके निर्यात में भी स्वाभविक रूप से गिरावट आ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि रूस के साथ युद्ध शुरू होने से पूर्व यूक्रेन में 2021-22 सीजन के दौरान 1040 लाख टन का शानदार कृषि उत्पादन हुआ था 2023 में घटकर 826 लाख टन पर सिमट गया।
वर्ष 2024 में उत्पादन और भी घटकर 761 लाख टन रह जाने की संभावना है। हाल के महीनों में खासकर गेहूं, मक्का एवं सूरजमुखी के वैश्विक बाजार मूल्य में भारी गिरावट आई है जिससे यूक्रेन के किसानों को आकर्षक वापसी हासिल नहीं हो रही है और इसलिए इसकी खेती के प्रति उसका उत्साह घट गया है।
विश्लेषक के मुताबिक यूक्रेन से 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) में 260 लाख टन मक्का का निर्यात होने की उम्मीद है जबकि 2024-25 के सीजन में यह 55 लाख टन घटकर 205 लाख टन पर अटक जाने की संभावना है।
वहां मक्का की खेती से किसानों को घाटा होने लगा है क्योंकि निर्यातक काफी नीचे दाम पर इसकी खरीद का प्रयास कर रहे हैं। इसी तरह यूक्रेन से गेहूं का निर्यात समीक्षाधीन सीजन के दौरान 160 लाख टन से 30 लाख टन घटकर 130 लाख टन पर सिमट सकता है।
जौ का शिपमेंट भी 5 लाख टन की गिरावट के साथ 20 लाख टन रह जाने का अनुमान है। दूसरी ओर रेपसीड- कैनोला का निर्यात 36 लाख टन पर स्थिर रहने और सोयाबीन का शिपमेंट 33 लाख टन से बढ़कर 40 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है।