iGrain India - नई दिल्ली । घटते स्टॉक को बढ़ाने तथा बाजार भाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने इस वर्ष सीधे किसानों से 4 लाख टन अरहर (तुवर) एवं 2 लाख टन मसूर खरीदने का प्लान बनाया है।
यह खरीद न्यूनतम आश्वस्त क्रय मूल्य (एम ए पी पी) पर की जाएगी अथवा डायनामिक बफर प्रोक्योर प्राइज (डीबीपीपी) मूल्य पर होगी। इसमें जो भी मूल्य ऊंचा होगा, उस पर दलहन खरीदा जाएगा।
उपभोक्ता मामले विभाग का इरादा बफर जरूरतों के 80 प्रतिशत भाग की तुवर एवं मसूर की खरीद सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या प्रचलित बाजार भाव पर करने का इरादा है।
सरकारी बफर स्टॉक में दलहनों का भंडार घटता जा रहा है। तुवर के घरेलू उत्पादन में कमी आई है जबकि कुछ अन्य दलहनों (उड़द एवं मूंग) की पैदावार भी घटी है। इससे बाजार भाव काफी ऊंचा हो गया है।
एम ए पी पी का निर्धारण किसी एक जिले में पिछले तीन कारोबारी दिवसों के दौरान प्रचलित भारित औसत मूल्य के रूप में किया जाता है जबकि डीबीपीपी की गणना खरीद वाले दिन प्रचलित भारित औसत मूल्य के आधार पर की जाती है।
योजना के तहत दो सरकारी एजेंसियों- भारतीय राष्ट्रीय सहकारी कृषि महासंघ (नैफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) में पंजीकृत किसानों से इन दलहनों की खरीद करेंगी।
जनवरी से ही खरीद की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और अब तक इन दोनों एजेंसियों द्वारा करीब 8 हजार टन की खरीद की जा चुकी है। मसूर की खरीद चालू माह से ही आरंभ होने की संभावना है। हालांकि पिछले एक दशक के दौरान देश में दलहनों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है मगर फिर भी यह घरेलू मांग एवं खपत से काफी पीछे है।