iGrain India - नई दिल्ली । भारत सरकार पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा अप्रैल 2024 से भी आगे बढ़ा सकती है। चना के एक बेहतर विकल्प के रूप में पीली मटर का इस्तेमाल किया जाता है।
दाल-दलहनों के घरेलू बाजार भव में तेजी को नियंत्रित करने के लिए आयात की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस बार चना का उत्पादन कम होने की संभावना है क्योंकि एक तो बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई और दूसरे, मौसम पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से फसल की औसत उत्पादकता दर में भी गिरावट आने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पीली मटर का शुल्क मुक्त आयात जारी रहने से चना की आपूर्ति में गिरावट की भरपाई करने में सहायता मिलेगी। चना का उत्पादन गत वर्ष से कम होने वाला है।
उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2023 के प्रथम सप्ताह में केन्द्र सरकार ने पहले 31 मार्च 2024 तक के लिए पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी जबकि बाद में यह अवधि अप्रैल तक बढ़ा दी गई।
चूंकि अप्रैल-जून के दौरान देश में आम चुनाव होना है जिसकी घोषणा हो चुकी है इसलिए सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहेगी जिससे खाद्य महंगाई और खासकर दाल-दलहनों की कीमतों में और इजाफा हो क्योंकि पहले से ही इसका भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर दाल-दलहनों में फरवरी माह के दौरान 18.48 प्रतिशत दर्ज की जो जनवरी के 16.06 प्रतिशत से भी ऊपर रही। इससे सरकार की चिंता और आम आदमी की कठिनाई बढ़ गई।
इस बार मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं कर्नाटक जैसे राज्यों में चना की उपज दर 10-12 प्रतिशत घटने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में करीब 10 लाख टन पीली मटर का आयात होने का अनुमान है।