iGrain India - मुम्बई । केन्द्र सरकार के अधीनस्थ राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई), मुम्बई ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से लाइ गई तुवर की एक खेप को रोक दिया है और इसकी जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई।
यह खेप 25 फरवरी 2024 को मोजाम्बिक से भारत के न्हावा शेवा बंदरगाह पर आई थी। एक सीएमए सीवीएम जहाज 'एमवी सैन अंटोनियो' जब न्हावा शेवा बंदरगाह पर पहुंचा था तब उस पर 200 कंटेनरों में 5000 टन तुवर का स्टॉक मौजूद था।
प्राप्त रिपोर्ट से पता चलता है कि तुवर की यह आयातित खेप दिलचस्प है। मोजाम्बिक में दो बड़ी कंपनियों के बीच विवाद चल रहा है। एक बहुराष्ट्रीय कॉमोडिटी व्यापारिक फर्म- ईटीजी ने आरोप लगाया है कि अरहर दाल का यह स्टॉक उसके गोदामों से जब्त किया गया और अवैध तरीके से जब्त किए गए इस स्टॉक को भारत की ओर जाने वाले जहाज पर लाद दिया गया।
मोजाम्बिक अफ्रीका महाद्वीप में अरहर (तुवर) का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां से भारत में भारी मात्रा में इस महत्वपूर्ण दलहन का आयात होता है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दलहन कारोबार का मामला अदालती चक्कर में फंसा हुआ है।
ईटीजी कम्पनी ने इस आयातित विवादित अरहर की खेप के बारे में जो आरोप लगाया है उसकी सत्यता जांचने की प्रक्रिया चल रही है। मोजाम्बिक के बंदरगाहों पर भारी मात्रा में तुवर का स्टॉक पड़ा हुआ है जिसे भारत सहित कुछ अन्य देशों को भेजा जाना है।
ध्यान देने की बात है कि मोजाम्बिक की अदालत ने केवल ईटीजी कम्पनी के गोदामों से जब्त किए गए कृषि उत्पादों (जिसमें तुवर भी शामिल है) के निर्यात शिपमेंट पर रोक लगा रखी है जबकि अन्य स्रोतों से प्राप्त अरहर के निर्यात पर कोई पाबंदी नहीं है।
भारतीय एजेंसियों को यह पता लगाना है कि 5000 टन तुवर का यह स्टॉक वास्तव में ईटीजी कम्पनी के गोदामों से जब्त किया गया माल है या किसी अन्य स्रोत से लिया गया है।