iGrain India - अहमदाबाद । कपास उत्पादन एवं उपयोग समिति ने चालू सीजन में कपास का घरेलू उत्पादन बढ़कर 323.11 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जबकि इसका निर्यात भी सुधरकर 27 लाख गांठ पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार भाव तेज होने भारतीय रूई की निर्यात मांग बढ़ रही है क्योंकि इसकी कीमतें काफी हद तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर बनी हुई है। न्यूयार्क के आईसीई में मई अनुबंध के लिए रूई का वायदा मूल्य 93.33 सेंट प्रति पौंड पर पहुंच गया है जबकि भारत में शंकर- 6 वैरायटी की रूई का दाम 61,500 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) बताया जा रहा है।
समिति ने कपास का बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर 52.27 लाख गांठ रह जाने की संभावना व्यक्त की है जिससे बाजार भाव में स्थिरता या कुछ तेजी आने की उम्मीद बन रही है।
समिति ने पहले 316.57 लाख गांठ कपास के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया था 2022-23 सीजन के लिए समिति ने पहले 343.47 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान लगाया था जिसे बाद में घटाकर 336. 60 लाख गांठ नियत किया था।
समिति ने चालू मार्केटिंग सीजन के लिए कपास आयात के अनुमान के 12 लाख गांठ पर बरकरार रखते हुए इसका निर्यात पिछले सीजन के 15.89 लाख गांठ से बढ़कर इस बार 27 लाख गांठ पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
समिति के अनुसार चालू सीजन के आरंभ में 61.16 लाख गांठ कपास बकाया स्टॉक मौजूद था जिससे इसकी कुल उपलब्धता 396.27 लाख गांठ हो जाएगी। इसमें से 317 लाख गांठ की घरेलू खपत होगी और 27 लाख गांठ का निर्यात हो सकता है।