iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अरहर (तुवर) का बाजार भाव इसलिए ऊंचा एवं तेज चल रहा है क्योंकि घरेलू प्रभाग में इसकी मांग एवं आपूर्ति के बीच भारी अंतर बना हुआ है। इस अंतर को पाटने के लिए विदेशों से विशाल मात्रा में तुवर का आयात करना पड़ता है। जबकि अक्सर इसका वैश्विक बाजार भाव ऊंचा रहता है।
कृषि मंत्रालय ने 2023-24 सीजन के दौरान 33 लाख टन से कुछ अधिक तुवर के उत्पादन का अनुमान लगाया है जबकि इसकी खपत बढ़कर 45 लाख टन के करीब पहुंचने की संभावना है। नीति आयोग के एक पैनल से कहा है कि देश में ऊंची कीमत वाले खाद्य उत्पादों की खपत बढ़ रही है जिसमें दलहन भी शामिल है।
वर्ष 2023 के दौरान देश में करीब 7.70 लाख टन तुवर का आयात हुआ जबकि तुवर दाल का औसत खुदरा मूल्य 160 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया। चालू वर्ष के आरंभ से मूल्य स्तर इसके आसपास ही बना हुआ है।
सभी दालों में तुवर दाल का दाम ही सबसे ऊंचे स्तर पर है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान देश में 260.50 लाख टन दलहनों का उत्पादन हुआ जबकि चना के उत्पादन में भारत लगभग आत्मनिर्भर बना हुआ है।
सरकार ने मार्च 2025 तक तुवर, उड़द एवं मसूर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे रखी है। तुवर का आयात मुख्यत: म्यांमार एवं अफ्रीकी देशों (मोजाम्बिक, मलावी आदि) से होता है।