iGrain India - मुम्बई । कपास उत्पादन एवं उपयोग समिति (पुराना नाम कपास सलाहकार बोर्ड) ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश से रूई का निर्यात बढ़कर 27 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के शिपमेंट 15.89 लाख गांठ से 11.11 लाख गांठ ज्यादा है।
नवम्बर 2023 की अपनी पिछली बैठक में समिति ने 25 लाख गांठ के निर्यात का अनुमान व्यक्त किया था। मालूम हो कि इस समिति की बैठक साल में दो बार होती है।
इसका कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार भाव ऊंचा होने से भारतीय रूई का दाम प्रतिस्पर्धी हो गया है इसलिए निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी।
न्यूयार्क के इंटर कांटीनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) में रूई का वायदा भाव बढ़कर अब 93 सेंट प्रति पौंड से ऊपर पहुंच गया है जो भारतीय माप में 61,125 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) के समतुल्य है। इधर गुजरात की राजकोट मंडी में बेंचमार्क शंकर-6 वैरायटी की रूई का दाम 61,500 रुपए प्रति कैंडी बताया जा रहा है।
समिति ने कपास की घरेलू खपत 317 लाख गांठ होने की संभावना व्यक्त की है जो पिछले अनुमान 310 लाख गांठ से ज्यादा है। समिति ने पहले 2023-24 सीजन के अंत में 57.65 लाख गांठ कपास का बकाया अधिशेष मौजूद रहने का अनुमान लगाया था जिसे अब घटाकर 52.27 लाख गांठ नियत कर दिया है।
चालू सीजन के आरंभ में 61.16 लाख गांठ कपास का पिछला बकाया स्टॉक उपलब्ध था जबकि 323.11 लाख गांठ के घरेलू उत्पादन एवं 12 लाख गांठ के संभावित आयात के साथ इसकी कुल 396.27 लाख गांठ पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।